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सच्चाई की परख किए बिना महबूबा मुफ्ती ने उठाए साध्वी प्रज्ञा की उम्र पर सवाल

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हाल ही में दावा किया कि 1992 में बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा गिराने के लिए वो भी अयोध्या गई थीं, ढांचा गिराया भी था और इस बात का उन्हें गर्व है. हालांकि इस मुद्दे पर उन्हें चुनाव आयोग ने नोटिस भी जारी किया है, उधर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने साध्वी प्रज्ञा की खिंचाई करते हुए पूछा कि चार साल की उम्र में उन्होंने बाबरी मस्जिद का ढांचा कैसे गिराया.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
साध्वी प्रज्ञा 4 साल की थी जब वो बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने पहुंची थीं.
सच्चाई
साध्वी प्रज्ञा 49 साल की हैं. बाबरी मस्जिद हादसे के दौरान वो एक वयस्क महिला थीं.
विद्या
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हाल ही में दावा किया कि 1992 में बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा गिराने के लिए वो भी अयोध्या गई थीं, ढांचा गिराया भी था और इस बात का उन्हें गर्व है. हालांकि इस मुद्दे पर उन्हें चुनाव आयोग ने नोटिस भी जारी किया है, उधर सोशल मीडिया यूज़र्स कुछ और ही दावा करने लगे. दरअसल, इंटरनेट पर कुछ लोगों ने साध्वी प्रज्ञा की खिंचाई शुरू कर दी कि जब वो 1988 में पैदा हुई तो सिर्फ चार साल की उम्र में उन्होंने आखिर बाबरी मस्जिद का ढांचा कैसे गिराया.

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी जांच में पाया कि ये दावा गलत है. साध्वी 1992 में वयस्क महिला थीं.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने ट्वीट कर साध्वी प्रज्ञा के बारे में लिखा "ये हैं भारतीय बॉस बेबी. इनके सामने छोटा भीम और शिनचैन के जोखिम भरे कारनामे भी फीके पड़ जाए." मुफ़्ती के ट्वीट को 136 ट्विटर यूज़र्स ने रिट्वीट किया और करीब 600 लोगों ने पसंद किया.

जानेमाने वकील संजय हेगड़े को ट्विटर पर 86.7 हज़ार ट्विटर यूज़र्स फॉलो करते हैं. हेगड़े ने ट्वीट कर लिखा "कभी तो सच बोलो।. क्या आप 1988 में पैदा नहीं हुई थी? बाबरी मस्जिद का ढांचा 1992 में नहीं गिरा था? या फिर वीके सिंह के जैसे आपके भी जन्मदिन की दो तारीखें हैं?"

हेगड़े के इस ट्वीट को, स्टोरी के फाइल होने तक 294 यूज़र्स ने रिट्वीट किया और करीब 600 यूज़र्स ने पसंद किया. जानेमाने पत्रकार और न्यूज़ पोर्टल "द प्रिंट" के संस्थापक शेखर गुप्ता ने साध्वी प्रज्ञा से जुड़ी खबर को ट्वीट  कर कहा कि "वो चार की थीं. अतुलनीय प्रतिभावान बच्ची रही होंगी. छोटा भीम के लिए प्रेरणा..."

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गुप्ता के इस ट्वीट को, स्टोरी के फाइल होने तक 181 यूज़र्स ने रिट्वीट किया और 863 यूज़र्स ने पसंद किया.

फेसबुक पर भी लोगों ने इसी तरह का दावा किया है. इम्पलसिव इंडियन नाम के पेज को एक लाख से ज़्यादा लोग फॉलो करते हैं और यहां भी लिखा गया, "फेंकने में मोदी से भी आगे है ये". इस पोस्ट को स्टोरी के फाइल होने तक 8.5 हज़ार फेसबुक यूज़र्स ने शेयर किया.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी जांच के लिए इंटरनेट पर डाक्यूमेंट्स ढूंढने कि कोशिश की जिसमें साध्वी प्रज्ञा की उम्र लिखी हो. साध्वी प्रज्ञा मालेगांव 2008 बम धमाके मामले में आरोपी हैं और कई साल जेल में रही हैं. 2016 में साध्वी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में ज़मानत की अर्जी दायर की थी. इस अर्ज़ी में उन्होंने अपनी उम्र 44 साल बताई थी. इस मामले में  अदालत का आदेश  एक साल बाद आया जिसमें साध्वी को ज़मानत मिल गई.

अदालत के आदेश में भी साध्वी की उम्र का ज़िक्र है जिसे यहां देख जा सकता है,  तो इसके अनुसार अगर साध्वी 2016 में 44 की थी, तो वो 1972 में पैदा हुई होंगी और बाबरी मस्जिद के हादसे के दौरान 20 साल की रही होंगी.

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इस मामले कि जांच आगे और बढ़ाने के लिए हमने सीधे साध्वी की बड़ी बहन उपमा सिंह से बात की जो इन दिनों अपनी बहन की चुनावों में मदद के लिए भोपाल ही पहुंची हुई हैं. उपमा सिंह ने बताया कि "साध्वी प्रज्ञा का जन्म 02.02.1970 को हुआ था और यही उनके मार्कशीट और आधार दोनों पर लिखा है."

चुनाव की व्यस्तता की वजह से तुरंत डॉक्यूमेंट भेजना उपमा के लिए संभव नही हुआ लेकिन जैसे ही डॉक्यूमेंट मुहैया होते हैं, इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

उपमा सिंह की बातों और बॉम्बे हाई कोर्ट के कागज़ातों से ये साफ है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह 1988 में तो कतई पैदा नहीं हुई. बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के वक़्त साध्वी प्रज्ञा एक वयस्क महिला थीं.

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सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
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