महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में कोरोना केसों में एक बार फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसी को देखते हुए महाराष्ट्र के अमरावती में दोबारा लॉकडाउन लगाया गया जिसे अब 8 मार्च तक बढ़ा दिया गया है. लॉकडाउन के दौरान जिले में सिर्फ जरूरी सेवाओं के संचालन की अनुमति दी गई है.
इसी से जोड़ कर सोशल मीडिया पर एक ढाई मिनट का वीडियो वायरल होने लगा है. वीडियो में पुलिस बैरिकेडिंग पर कुछ लोग दो पहिया वाहनों पर जा रही जनता को लाठियां मारकर भगाते हुए दिख रहे हैं. वीडियो देखने में किसी पुलिस कार्रवाई का लग रहा है. वीडियो के साथ तंज करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो अमरावती का है जहां नए लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों को पुलिस सजा दे रही है.
अमरावती शहर के नए रुझान नए लोक डॉन के परिणाम🤦♀️👇
जब सही और शांत तरीके से समझ नही आती तो क्या किया जाए अब खाओ प्रसाद 😏😏 pic.twitter.com/SpoD7nowQH
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा आधा सच है. ये वीडियो अमरावती का ही है लेकिन पिछले साल मार्च में लगे लॉकडाउन के समय का है, अभी का नहीं.
वीडियो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं "अमरावती शहर के नए रुझान नए लॉकडाउन के परिणाम, जब सही और शांत तरीके से समझ नही आती तो क्या किया जाए अब खाओ प्रसाद". इसी कैप्शन के साथ वीडियो को फेसबुक पर भी पोस्ट(https://bit.ly/2O9Rr8s) किया जा रहा है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
कैसे पता की सच्चाई?
यूट्यूब पर कुछ कीवर्ड की मदद से खोजने पर हमें ये वीडियो "Indian Railway Traveler - AK" नाम के एक चैनल पर मिला. इस चैनल पर वीडियो को 24 मार्च 2020 को अपलोड किया गया था. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक पुलिस कार्रवाई का ये वीडियो अमरावती के राजकमल चौक का है और पिछले साल मार्च में लगे लॉकडाउन के समय का है.
कुछ मराठी कीवर्ड की मदद से खोजने पर ये वीडियो हमें मराठी अखबार 'सकाळ' के वैरिफाइड फेसबुक पेज पर भी मिला. 'सकाळ' के पेज पर वीडियो को पिछले साल 25 मार्च को शेयर किया गया था. यहां भी वीडियो को अमरावती शहर का बताया गया है जहां लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस लाठियां बरसा रही थी. उस समय पूरे देश में कोरोना के चलते सख्त लॉकडाउन लगाया था और पुलिस पिटाई के ऐसे वीडियो कई जगहों से आ रहे थे. वायरल वीडियो भी उन्हीं में से एक है.
'सकाळ' के इस वीडियो को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के वैरिफाइड फेसबुक पेज से भी शेयर किया गया था. इस दौरान कई और भी यूट्यूब चैनल्स पर वायरल वीडियो को अमरावती का बताकर अपलोड किया गया था. यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वीडियो लगभग एक साल पुराना है और इसका हाल ही में अमरावती में लगाए गए लॉकडाउन से कोई लेना देना नहीं.