वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के बाद एक तरफ हिंदू पक्ष के लोग वहां शिवलिंग मिलने का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, वो असल में एक फव्वारा है.
इस बीच सोशल मीडिया पर सफेद टोपी पहने और रोते हुए एक युवक की फोटो वायरल हो गई है. युवक के सामने एक रिपोर्टर खड़ी है जिसने ‘यूपी तक’ के लोगो वाला माइक पकड़ रखा है. वो युवक को सांत्वना देती दिख रही है. साथ ही, आसपास कुछ दूसरे लोग भी खड़े हैं.
इस फोटो के जरिये कई लोग तंज कस रहे हैं और कह रहे हैं कि जब इस मुस्लिम युवक को ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की बात पता लगी, तो ये रोने लगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे पता है कि अब ये मस्जिद मुसलमानों के हाथ से निकल जाएगी.
एक ट्विटर यूजर ने इस फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा, 'धर्म निरपेक्षता का खूबसूरत प्रदर्शन. ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद अब्दुल की आंखों से निकले खुशी के आंसू. अब्दुल को मालूम है कि अब एक और मस्जिद गई.'
इस फोटो को बहुत सारे लोग हाल-फिलहाल का बताते हुए ‘#ज्ञानवापी_मंदिर’, ‘#Shivling’ और ‘#BabaMilGaye’ जैसे हैशटैग्स के साथ शेयर कर रहे हैं. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये फोटो साल 2021 की है जब वाराणसी घूमने आए नौशाद आलम नाम के एक युवक ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की विशाल दीवारों से ज्ञानवापी मस्जिद के छिप जाने पर दुख जाहिर किया था.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल फोटो में सवाल पूछ रही रिपोर्टर ने ‘यूपी तक’ का माइक पकड़ रखा है. इस जानकारी की मदद से सर्च करने पर हमें पता लगा कि ये इंटरव्यू 15 दिसंबर, 2021 को ‘यूपी तक’ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर पोस्ट की गई एक वीडियो रिपोर्ट का हिस्सा था. इस वीडियो में रिपोर्टर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन को लेकर ज्ञानवापी मस्जिद से नमाज पढ़कर निकल रहे लोगों से सवाल कर रही है.
जब वायरल फोटो वाले शख्स की बारी आती है, तो वो कहता है, “हमको तो ये हालात देख के समझ में नहीं आ रहा है. मस्जिद को पूरा ढक दिया गया है और मंदिर को इस तरीके से विशाल बनाया गया है. वॉट इज दिस? ऐसा होता है क्या कहीं? हिन्दुस्तान है ये, लोकतंत्र है. यहां सबको अधिकार है. संविधान में बोला गया है सबको बराबर का हक है. किसी के हक को आप दबा दीजियेगा? ऐसा होता है क्या? ये देखकर जो दुख हुआ है, 40 साल की जिंदगी में कभी मैंने उठाया नहीं था.” इतना कह कर वो रोने लगता है और आगे बातचीत करने से इंकार कर देता है.
‘जनसत्ता’ ने भी इस घटना को लेकर 16 दिसंबर, 2021 को एक रिपोर्ट छापी थी. इस रिपोर्ट में भी यही बताया गया है कि तस्वीर में दिख रहा युवक कोलकाता से वाराणसी घूमने आया था. वो काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के भव्य निर्माण से मस्जिद छिप जाने की वजह से दुखी था. रिपोर्टर के सवाल पूछने पर वो भावुक हो गया और रोने लगा.
साफ है कि कई महीने पुराने वीडियो से निकाली गई एक फोटो को हाल-फिलहाल का बताकर इसके जरिये मुसलमानों का मजाक उड़ाया जा रहा है.