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फैक्ट चेक: पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों ने नहीं तोड़ा दुर्गा पूजा पंडाल, बांग्लादेश का है ये वीडियो

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वीडियो बांग्लादेश का है जहां हाल ही में मुस्लिम कट्टरपं​थियों ने कुछ मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों को निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की. ये वीडियो भी इसी हिंसा का है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों ने दुर्गा पूजा के पंडाल को तहस-नहस कर डाला.
सच्चाई
वीडियो बांग्लादेश का है जहां हाल ही में एक फेसबुक पोस्ट को लेकर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों को निशाना बनाया. ये वीडियो भी इसी हिंसा का है.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:24 AM IST

नवरात्रि के समापन के बाद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो घूम रहा है जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों ने दुर्गा पूजा के एक पंडाल को तहस-नहस कर दिया. वीडियो में एक मैदान में उपद्रव कर रहे लोगों को नारंगी रंग का एक पंडाल नष्ट करते देखा जा सकता है. वीडियो को एक घर की खिड़की से शूट किया जा रहा है जहां कुछ लोग घबराते-रोते हुए बांग्ला भाषा में आपस में बातचीत कर रहे हैं.

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यूजर्स लिख रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में हिंदुओं का जो हाल है वो वीडियो में देखा जा सकता है. वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताकर फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया गया है.

क्या है सच्चाई?

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वीडियो बांग्लादेश का है जहां हाल ही में मुस्लिम कट्टरपं​थियों ने कुछ मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों को निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की. ये वीडियो भी इसी हिंसा का है.

कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर सामने आया कि 15 अक्टूबर, 2021  को कई बांग्लादेशी हिंदू यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर किया था और नोआखाली का बताया था. वीडियो को "बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल" के वेरीफाइड टि्वटर अकाउंट से भी रीट्वीट किया गया है. ट्विटर पर कुछ लोगों ने लिखा है कि वीडियो नोआखली जिले के चोमुहानी शहर का है.

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इस वीडियो को लेकर कुछ खबरें  भी आई हैं जिनमें बताया गया है कि दुर्गा पंडाल के बाद बांग्लादेश में इस्कॉन टेंपल में भी तोड़फोड़ की गई. इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने भी ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि नोआखाली में मुस्लिमों की भीड़ ने इस्कॉन टेंपल और मंदिरों को निशाना बनाया.

जानकारी को पुख्ता करने के लिए हमने नोआखाली स्थित इस्कॉन मंदिर के एक सदस्य अनुकूल गोविंद दास से बात की. अनुकूल ने हमें बताया कि ये वीडियो 15 अक्टूबर का है जब नोआखाली इस्कॉन मंदिर से कुछ ही दूरी पर लगे दुर्गा पूजा पंडाल को उपद्रवियों ने ध्वस्त कर दिया था. अनुकूल के अनुसार, इस पंडाल को चोमुहानी में त्रिशूल दुर्गा पूजा कमेटी द्वारा लगवाया गया था. सोशल मीडिया पर भी इस वीडियो के साथ कई यूजर्स ने त्रिशूल पंडाल का जिक्र किया है.

इस आधार पर यहां साबित हो जाता है कि वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है. वीडियो को गलत दावे के साथ साझा करते हुए भ्रम फैलाया जा रहा है.

बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक स्थलों पर कैसे भड़की हिंसा?

नवभारत टाइम्स की एक खबर के अनुसार, बांग्लादेश में बीते 13 अक्टूबर यानी अष्टमी के दिन कट्टरपंथियों ने कई पूजा पंडालों और मूर्तियों पर हमला बोल दिया. मंडप और मंदिरों में जमकर तोड़फोड़ की गई. मामला इतना बढ़ गया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी इसको लेकर कड़ी आलोचना की और कहां कि हमले में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

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रिपोर्टस् के अनुसार, यह हिंसा एक फेसबुक पोस्ट के बाद भड़की जिसमें कुरान का कथित तौर पर अपमान किया गया था. पोस्ट वायरल होने के बाद बांग्लादेश के कई इलाकों के दुर्गा पूजा पंडालों और मंदिरों में तोड़फोड़ की गई.

प्रधानमंत्री शेख हसीना की चेतावनी के बाद भी हिंसा नहीं रुकी और नोआखली में भीड़ ने इस्कॉन मंदिर पर हमला कर दिया. मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं के साथ मारपीट भी की गई. इन हमलों में अभी तक छह लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हुए हैं. कुछ जगहों से हमलों कि खबरें अभी भी आ रही हैं.

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