Advertisement

फैक्ट चेक: अरुणाचल प्रदेश से बीजेपी के निर्विरोध लोकसभा चुनाव जीतने की खबर भ्रामक

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में इस दावे को भ्रामक पाया. केंटो जिनी ने अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ा है और उनके सामने एक मात्र कैंडिडेट कांग्रेस से थे, जिनका पर्चा स्क्रूटिनी में रद्द हो गया था.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
केंटो जिनी ने अरुणाचल प्रदेश से निर्विरोध लोकसभा चुनाव जीता और बीजेपी ने पहले सांसद बने. उनके सामने किसी ने पर्चा भी नहीं भरा.
सच्चाई
वायरल दावा भ्रामक है. केंटो जिनी ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा है. उनके अलावा एलॉन्ग ईस्ट सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ने भी पर्चा भरा था जिसे चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था.इसके बाद केंटो निर्विरोध विधायक चुने गए.
अमनप्रीत कौर
  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि मतदान होने से पहले ही अरुणाचल प्रदेश से बीजेपी को पहला सांसद मिल गया है. दावा है कि बीजेपी उम्मीदवार केंटो जिनी के सामने किसी और उम्मीदवार ने पर्चा तक नहीं भरा और वे यहां से लोकसभा चुनाव निर्विरोध जीत गए हैं.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में इस दावे को भ्रामक पाया. केंटो जिनी ने अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ा है और उनके सामने एक मात्र कैंडिडेट कांग्रेस से थे, जिनका पर्चा स्क्रूटिनी में रद्द हो गया था.

Advertisement

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक पेज "Entertainment " ने केंटो जिनी की तस्वीर पोस्ट की है जिसके ऊपर लिखा है: "अरुणाचल में वोटिंग से पहले ही BJP का खाता खुला, NDA के सामने किसी ने पर्चा नहीं भरा, खौफ इसे कहते हैं 72 हजार किसी काम के नहीं..!

भाजपा को मिला शगुन अरुणाचल प्रदेश से सर किंटो जेनी लोकसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित. भाजपा के प्रथम सांसद को बधाई.

" खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को 10 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका था.

फेसबुक यूजर "KuLDEEP Nehra " और "चौकीदार साहब यादव " ने भी यह पोस्ट शेयर की है.

वायरल हो रहे दावे की पड़ताल के लिए हमने केंटो जिनी से संबंधित खबरों को खोजना शुरू किया तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें उनके निर्विरोध चुने जाने की बात लिखी गई थी, हालांकि इन रिपोर्ट्स में गौर करने वाली बात यह थी कि केंटो ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा है और उनके सामने एक मात्र कैंडिडेट कांग्रेस से थे, जिनका पर्चा स्क्रूटिनी में खारिज हो गया था.

Advertisement

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा दोनों ही चुनावों के लिए 11 अप्रल को मतदान हुआ था. केंटो विधानसभा के लिए अरुणाचल प्रदेश की 60 सीटों में से एक एलॉन्ग ईस्ट(एसटी) से चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने 17 मार्च को ही राज्य में विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, जिसमें केंटो का भी नाम था.

इस सीट के लिए कांग्रेस ने सूची जारी करते हुए अपने उम्मीदवार मिंकिर लॉलेन को उतारने का फैसला किया था. जिसके बाद लॉलेन ने पर्चा भी भरा था, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे इनवैलिड बताते हुए रद्द कर दिया था. इसके बाद केंटो इस सीट से निर्विरोध विधायक चुने गए. केंटो के अलावा याचुली सीट से बीजेपी के ताबा तेदिर और दिरांग सीट से कांग्रेस और स्वतंत्र उम्मीदवार के नामांकन वापस लेने के बाद फुरपा सेरिंग भी निर्विरोध विधायक चुने गए हैं.

उधर, बीजेपी ने 21 मार्च को लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी जिसमें अरुणाचल प्रदेश की कुल दो सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम भी घोषित किए थे. सूची के अनुसार बीजेपी ने अरुणाचल वेस्ट सीट से किरण रिजिजू और अरुणाचल ईस्ट सीट से तपिर गाओ को चुनावी मैदान में उतारा है.

Advertisement

पड़ताल में ये साफ हुआ कि वायरल दावा भ्रामक है. केंटो ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा है, ना कि लोकसभा का. एलॉन्ग ईस्ट सीट से पर्चा भरने वाले वो अकेले उम्मीदवार नहीं थे, उनके अलावा कांग्रेस के उम्मीदवार लॉलेन ने भी पर्चा भरा था, जिसे चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था. लिहाजा वो इस सीट से अरुणाचल विधानसभा के लिए निर्विरोध विधायक चुने गए.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement