प्रयागराज में प्रधानमंत्री के कुंभ स्नान के तुरंत बाद सोशल मीडिया में एक पोस्ट वायरल हो गई, जिसमें ये दावा किया गया, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का कहना है कि महाकुंभ मेला 2014 का आयोजन फीफा वर्ल्ड कप से भी बेहतर तरीके से किया गया. इंटरनेट पर ज्यादातर लोगों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसका श्रेय दिया.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये पोस्ट भ्रमित करने वाली है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की जिस रिपोर्ट का जिक्र किया जा रहा है वो 2013 में आयोजित महाकुंभ के बारे में है न कि अर्धकुंभ के बारे में.
फेसबुक पेज “India Against Presstitutes” ने इस लेख को पोस्ट किया और शीर्षक लिखा “आपने कितनी बार देखा है कि दुनिया, भारत की किसी परंपरा की तारीफ कर रही हो, सच्चे नेता क्या कर सकते हैं इसका ये एक उदाहरण है #ModiKumbhVisit” .
इस पोस्ट को सैकड़ों लोगों ने पोस्ट किया.
ट्विटर यूजर अभिषेक मिश्रा ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के लेख के साथ महाकुंभ का श्रेय यूपी के सीएम आदित्यनाथ को दिया.
इस पोस्ट को हजार से ज्यादा लोगों ने रिट्वीट किया और 2 हजार से ज्यादा लोगों ने पसंद किया.
फेसबुक पर भी कई दूसरे यूजर्स ने इसी संदेश को साझा किया.
“हार्वर्ड ने कहा, महाकुंभ का आयोजन फीफा वर्ल्ड कप 2014 से बेहतर”
वायरल मेसेज कि जब हमने पड़ताल शुरू की तो हमें ये लेख वेबसाइट “Storypick” पर मिला.
ये लेख 21 अगस्त,2015 को छापा गया था. इसमें महाकुंभ 2013 की बात की गई है. लेख में कहा गया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने तीन मेगा इवेंट्स फीफा 2014, महाकुंभ 2013 और कॉमनवेल्थ खेल 2010 की तुलना की गई. इसमें पाया गया कि महाकुंभ 2013 उन दोनों कार्यक्रमों के मुकाबले ज्यादा बेहतर तरीके से आयोजित किया गया.
20 अगस्त, 2015 को यही रिपोर्ट टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में भी छपी.
रिपोर्ट के मुताबिक ‘अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की साउथ एशिया इंस्टिट्यूट के रिसर्च करने वालों ने महाकुंभ 2013 के कामयाब मैनेजमेंट को अपनी किताब में शामिल किया. महाकुंभ पर छपी इस किताब का विमोचन तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने किया था. साल 2013 में महाकुंभ के आयोजन के वक्त अखिलेश यादव यूपी के सीएम थे और मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, इसलिए साफतौर पर ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस ये वायरल पोस्ट भ्रमित करने वाला है. ये लेख महाकुंभ 2013 का है न कि अर्धकुंभ 2019 का.