दिल्ली के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जा रही है. पोस्ट में एक अखबार में छपी खबर का कुछ हिस्सा है जिसमें हादसे में मरने वालों और परिवारों में बचे बच्चों के बारे में खबर दी गई है. इस पोस्ट के जरिए ऐसा दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि इन बच्चों के परिवारवाले दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए हैं.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक पेज "I Support Modi Ji and BJP" ने अखबार में छपी खबर की तस्वीर पोस्ट की. इसमें खबर की हेडिंग दी गई है- 'हादसे ने छीन ली खुशियां, तीन परिवारों में सिर्फ बच्चे ही बचे'. पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा गया है: "मरने वाले सभी हिंदू हैं, लेकिन अगर प्रबुद्ध वर्ग की मानें तो दंगे हिंदुओं ने किए हैं. #AntiHinduRiots"
वायरल पोस्ट के साथ किए जा रहे दावे का सच जानने के लिए हमने इसमें नजर आ रही हेडिंग को इंटरनेट पर सर्च किया. हमें दैनिक भास्कर अखबार में छपी खबर मिली.
खबर के अनुसार बुधवार 26 फरवरी को राजस्थान के बूंदी जिले के पापड़ी गांव के पास सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर करीब 29 लोगों से भरी एक मिनी बस पुलिया से मेज नदी में गिर गई. इस हादसे में 24 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 5 घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
वायरल हो रही खबर, दैनिक भास्कर अखबार में "लाशों का तट" शीर्षक से छपी इसी खबर का हिस्सा है.
हमें इस घटना से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं.
पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल हो रही पोस्ट का दिल्ली हिंसा से कोई लेना देना नहीं है. यह खबर राजस्थान के बूंदी में बस नदी में गिरने की घटना से संबंधित है.