सोशल मीडिया पर एक घायल महिला की फोटो खूब शेयर की जा रही है और दावा किया जा रहा है कि सरकार के खिलाफ सवाल पूछने पर पत्रकार पर जानलेवा हमला किया गया. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रहा दावा पूरी तरह गलत है. महिला का कहना है कि उसपर एक बिल्डर के भेजे हुए गुंडों ने हमला किया था.
फेसबुक यूजर कुशाग्र यदुवंशी नाम के यूजर ने एक घायल महिला की फोटो डाल कर लिखा, 'सरकार से सवाल पूछने पर मुंबई की वरिष्ठ महिला पत्रकार नितिका राव जी के ऊपर हुआ प्राणघातक हमला #निंदनीय'
इस पोस्ट को स्टोरी के लिखे जाने तक 490 यूजर्स ने शेयर किया. इस पोस्ट पर कमेंट कर फेसबुक यूजर्स मोदी सरकार को कोस रहे हैं. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इसी फोटो को 9 जून को ट्विटर यूजर अनू यादव ने प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए शेयर किया और लिखा, 'सरकार से सवाल पूछने पर मुंबई की वरिष्ठ महिला पत्रकार नितिका राव जी के ऊपर हुआ प्राणघातक हमला, रामराज'. इस ट्वीट को स्टोरी के लिखे जाने तक 650 से ज्यादा ट्विटर यूजर्स ने शेयर किया. इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है.
बूमलाइव की खबर के मुताबिक, नीतिका अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति से जुडी हैं और महाराष्ट्र के थाणे में काम करती है.
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के फेसबुक पेज पर हमें इस समिति के राष्ट्रीय महासचिव सैयद खालिद कैस का सम्पर्क मिला. कैस ने बताया कि नितिका राव इस समिति की महाराष्ट्र अध्यक्ष हैं और उनके साथ कुछ दिनों पहले ये वारदात हुई. इसी समिति से जुड़े लोगों ने फोटो के साथ ये पोस्ट 8 जून को अपलोड किया था जिसके बाद ये काफी वायरल हुआ था.
हालांकि, जब इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम ने खुद नितिका राव से बात की तो पता चला की दरअसल वो कुछ अखबारों के लिए लिखती जरूर हैं, लेकिन ये वारदात उनकी समाजसेवा के काम की वजह से हुआ है. राव ठाणे जिले के कल्याण डोम्बिवली इलाके में रहती हैं और उनका कहना है, 'यहां किसानों और बिल्डरों के बीच काफी दिक्कतें हैं. मैं किसानों की मदद के लिए बिल्डर से बात करने गई थी और उन्होंने अपने गुंडे भिजवा कर मुझपर हमला करवाया. इस वक्त में बात करने की हालत में नहीं हूं. मेरे चेहरे पर 12 टांके लगे हैं. मैंने इस हादसे के बाद कल्याण में शिकायत दर्ज कराई है.' राव को 11 जून को ही अस्पताल से छुट्टी मिली है.