पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है, जिसमें लिखा गया है कि “ममता के अनशन में 22 दलों के नेता पहुंचे थे, शहीद सैनिकों की श्रद्धांजलि में गठबंधन का कोई नेता नहीं आया, वोट वाले दिन याद रखना.” इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा पूरी तरह गलत है.
फेसबुक के अलग-अलग पेजों पर ये दावा किया गया है कि पुलवामा के शहीदों के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धाजंलि देने विपक्ष का कोई भी नेता नहीं पहुंचा.
इस पोस्ट का फेसबुक लिंक यहां देखें..
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है...
इस फेसबुक पोस्ट को अबतक 17 हज़ार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने इस पोस्ट की जब पड़ताल की दोनों ही बातें फर्जी निकलीं. पोस्ट के पहले हिस्से में कहा गया कि ममता के अनशन में 22 दलों के नेता पहुंचे थे. सीबीआई के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन फरवरी की रात को धरने पर बैठी थीं. ममता का धरना पांच फरवरी को खत्म हो गया और तब तक उनके समर्थन में 22 नहीं बल्कि सिर्फ 4 नेता कोलकाता पहुंचे थे. समाजवादी पार्टी की ओर से किरणमय नंदा, आरजेडी से बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एआईएडीएमके की ओर से सांसद कनिमोझी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ममता का साथ देने आए थे.
पुलवामा आतंकी हमले में बिहार के शहीद जवान रतन कुमार ठाकुर और संजय कुमार सिन्हा को तेजस्वी यादव ने श्रद्धांजलि दी. खुद तेजस्वी यादव ने अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर इसकी जानकारी और तस्वीर साझा की थी जिसे आप नीचे देख सकते हैं.
तो वहीं सोलह तारीख को पुलवामा के आतंकी हमले में मारे गए शहीदों की याद में ममता बनर्जी ने कैंडल मार्च निकाला जिसकी तस्वीरें उनकी पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक पेज पर शेयर भी किया गया.
वहीं महागठबंधन के तीसरे बड़े नेता चंद्रबाबू नायडू ने भी आंध्र के शहीद जवानों को नमन किया. आंध्र सरकार ने शहीदों के परिवारों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी दी. इसकी तस्वीरें खुद उनकी पार्टी टीडीपी के आधिकारिक पेज पर शेयर की गईं.
वहीं अगर यूपी की बात करें तो समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी यूपी के कन्नौज में शहीद प्रदीप सिंह यादव के घर जाकर उनके परिवार से मिलकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए थे. इसकी जानकारी भी उन्होंने खुद अपने आधिकारिक पेज पर दिया था.
इन तस्वीरों ने साफ कर दिया है कि फेसबुक पर वायरल ये पोस्ट पूरी तरह झूठ पर आधारित है.