Advertisement

फैक्ट चेक: कोरोनाकाल में मुस्लिम रोजेदारों की मदद से जुड़ा ये आदेश शिवराज सरकार के कार्यकाल में जारी हुआ था

कुछ सोशल मीडिया यूजर्स एक सरकारी डॉक्यूमेंट शेयर करते हुए आरोप लगा रहे हैं कि कमलनाथ सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान क्वारन्टीन सेंटर में रह रहे सभी मुसलमानों को रमजान के मद्देनजर सरकार की तरफ से दूध-फल आदि मुहैया कराने का आदेश जारी किया था. लेकिन हिंदुओं के लिए इस तरह का कोई इंतजाम नहीं किया गया था.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
कमलनाथ सरकार के शासनकाल में कोरोनाकाल के दौरान एक आदेश जारी हुआ था कि क्वारन्टीन सेंटर में रह रहे सभी रोजेदारों को सरकार की तरफ से दूध-फल आदि मुहैया कराया जाएगा.
सच्चाई
ये आदेश शिवराज चौहान सरकार के कार्यकाल में जारी हुआ था, न कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में. इसे जारी करने वाले अधिकारी ने खुद 'आजतक' से इस बात की पुष्टि की है.
ज्योति द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 13 राज्यों की 88 सीटों पर 26 अप्रैल को वोट डाले गए. इस गहमागहमी के बीच सोशल मीडिया पर सियासी बयानबाजी भी जारी है. पुरानी तस्वीरों, वीडियोज और दस्तावेज के जरिये पार्टियां एक-दूसरे को निशाना बना रही हैं. इसी कड़ी में अब कोेरोनाकाल के दौरान मध्य प्रदेश में जारी किया गया एक आदेश अचानक सुर्खियों में आ गया है.   

Advertisement

दरअसल कुछ सोशल मीडिया यूजर्स एक सरकारी डॉक्यूमेंट शेयर करते हुए आरोप लगा रहे हैं कि कमलनाथ सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान क्वारन्टीन सेंटर में रह रहे सभी मुसलमानों को रमजान के मद्देनजर सरकार की तरफ से दूध-फल आदि मुहैया कराने का आदेश जारी किया था. लेकिन हिंदुओं के लिए इस तरह का कोई इंतजाम नहीं किया गया था. इस डॉक्यूमेंट को पोस्ट करते हुए कई लोग चेतावनी दे रहे हैं कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई, तो इसी तरह हिंदुओं को नजरअंदाज कर मुस्लिमों को फायदा पहुंचाती रहेगी.

एक एक्स यूजर ने इस डॉक्यूमेंट को पोस्ट करते हुए लिखा, "24 अप्रैल 2020. कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. कोविड अपने चरम पर था. उस वक्त रमजान चल रहा था. कमलनाथ ने एक आर्डर जारी किया कि पूरे प्रदेश के सभी क्वारन्टीन सेंटर में जितने भी मुसलमान क्वारन्टीन है उन्हें सरकारी खजाने से दूध फल इफ्तार की पूरी किट दिया जाए. इसीलिए मैं कहता हूं कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तब सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण की बात होगी. कितने हिंदू मंगलवार का व्रत रहते हैं लेकिन कमलनाथ सरकार ने उनके लिए कोई आदेश नहीं जारी किया."

Advertisement

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये आदेश कांग्रेस के नहीं बल्कि बीजेपी के कार्यकाल में रायसेन जिले के कलेक्टर ने जारी किया था. हालांकि अगले ही दिन इस संदर्भ में एक नया, संशोधित आदेश जारी हुआ था जिसमें लिखा था कि रमजान के दौरान भी क्वारन्टीन सेंटर में रह रहे मुसलमानों के खानपान की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल के हिसाब से ही होगी. उनके लिए अलग से कोई इंतजाम नहीं किए जाएंगे.

इस आदेश को जारी करने वाले रायसेन, मध्य प्रदेश के तत्कालीन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने खुद 'आजतक' से इस बात की पुष्टि की है.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

हमने देखा कि वायरल पोस्ट पर कई लोग कमेंट कर रहे हैं कि ये आदेश बीजेपी के कार्यकाल में दिया गया था.

वायरल पोस्ट में जो डॉक्यूमेंट शेयर किया जा रहा है, उसमें '22 अप्रैल, 2024' तारीख लिखी है.  

मध्य प्रदेश विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, कमलनाथ 20 मार्च, 2020 तक ही प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. 20 मार्च, 2020 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद 23 मार्च, 2020 को शिवराज सिंह चौहान ने ( https://mpvidhansabha.nic.in/loh_.htm ) मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.  

जाहिर है, 22 अप्रैल, 2020, यानी जिस दिन ये आदेश जारी हुआ, तब प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी.

Advertisement

2020 में इस नोटिस के जरिये कई लोगों ने साधा था बीजेपी पर निशाना

इस आदेश के बारे में कीवर्ड सर्च करने पर हमने पाया कि साल 2020 में इसे कई फेसबुक यूजर्स ने शेयर किया था. उस वक्त इसे पोस्ट करते हुए कई लोगों ने शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया था और बीजेपी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया था.

'संस्कृति बचाओ मंच' ने इस आदेश के खिलाफ चलाया था अभियान

25 अप्रैल, 2020 के एक फेसबुक पोस्ट में बताया गया है कि रमजान पर क्वारन्टीन सेंटर में रह रहे मुस्लिमों को विशेष सुविधाएं देने के फैसले का 'संस्कृति बचाओ मंच' नाम की संस्था ने विरोध किया था. दावा है कि इस विरोध के चलते ये फैसला वापस ले लिया गया था.

इस पोस्ट में 23 अप्रैल, 2020 को जारी किए गए एक नए आदेश की कॉपी भी है. इसमें 22 अप्रैल वाले (वर्तमान में वायरल हो रहे) आदेश में किए गए बदलाव के बारे में बताया गया है. इसमें लिखा है कि अब क्वारन्टीन सेंटर में रह रहे मुस्लिमों के लिए भोजन की व्यवस्था, स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल के अनुसार ही की जाएगी. उनके लिए अलग से कोई विशेष प्रबंध नहीं किया जाएगा. ये भी लिखा है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न पड़े. ये नया आदेश नीचे देखा जा सकता है.

Advertisement

इस आदेश को जारी करने वाले अधिकारी क्या बोले?  

वायरल नोटिस में उमाशंकर भार्गव का नाम और हस्ताक्षर है, जो उस वक्त रायसेन जिले के कलेक्टर थे. वर्तमान में वो मध्य प्रदेश के राज्यपाल के एडिशनल सेक्रेट्री हैं.

हमने असलियत जानने के लिए ये नोटिस उमाशंकर भार्गव को भेजा. उन्होंने हमें बताया कि ये बीजेपी सरकार के कार्यकाल में ही जारी हुआ था. उन्होंने 'आजतक' को इस आदेश के बारे में विस्तार से बताया, "दरअसल, ये आदेश उस वक्त का है, जब कोराना को लेकर हड़कंप मचा हुआ था. उस वक्त कई मुस्लिम, बाहरी राज्यों से रायसेन आए थे जिन्हें एहतियातन क्वारन्टीन सेंटर में रखा गया था. उनमें से कई लोग इस बात पर अड़ गए कि वो प्रोटोकॉल के तहत सभी लोगों को दिया जा रहा खाना नहीं खाएंगे. उन्होंने मांग की कि उन्हें रमजान के दौरान खाई जाने वाली चीजें मुहैया कराई जाएं.”

उन्होंने आगे कहा, “उस वक्त मुझे और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को लगा कि अगर इन्होंने कुछ खाया-पिया नहीं और किसी को कुछ हो गया तो मुसीबत हो जाएगी. इसी के चलते हमने ये आदेश जारी किया कि क्वारन्टाइन सेंटर में रह रहे मुस्लिमों को रमजान के मद्देनजर खानपान उपलब्ध करवाया जाए.”

भार्गव के मुताबिक, जब बाद में उन्हें समझाया गया तो वो मान गए और अगले ही दिन नया संशोधित आदेश जारी कर दिया गया कि उन्हें भी वही खाना उपलब्ध कराया जाए जो बाकी लोगों को मिल रहा है.

Advertisement

रायसेन के पत्रकारों का क्या कहना है?

'आजतक' के रायसेन संवाददाता राजेश रजक और 'रायसेन न्यूज' के पत्रकार रुद्र राजपूत- दोनों ने हमें यही बताया कि ये आदेश बीजेपी सरकार के कार्यकाल में ही जारी हुआ था.

साफ है, एमपी में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में जारी हुए एक आदेश को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का बताया जा रहा है जिससे लोगों में भ्रम फैल रहा है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement