भारत के बाहर कई लोग सुधीर कुमार गौतम को भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े प्रशंसक के तौर पर पहचानते हैं - उनका शरीर भारत की हिस्सेदारी वाले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में रंगा रहता है. ठीक वैसे ही पाकिस्तान के ‘चाचा क्रिकेट’ से भी पाकिस्तान के बाहर कई क्रिकेट प्रेमी परिचित हैं.
पाकिस्तानी क्रिकेट के एवरग्रीन मैस्कट (शुभंकर) चौधरी अब्दुल जलील उर्फ ‘चाचा क्रिकेट’ पाकिस्तान की ओर से खेले जाने वाले हर क्रिकेट मैच में दर्शक के तौर पर मौजूद रहते हैं. उनका एक खास अलग स्टाइल है- सभी मैचों में वे एक जैसी पोशाक में नजर आते हैं- हरे रंग का कुर्ता-पायजामा, और हरे रंग की टोपी जिस पर चांद-तारे का चमकीला निशान होता है.
सोशल मीडिया पर कई लोग अब दावा कर रहे हैं कि जलील उर्फ ‘चाचा क्रिकेट’ का इंतकाल हो गया है. एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “पाकिस्तानी क्रिकेट चाचा अब हमारे साथ नहीं हैं. RIP. अल्लाह जन्नत में उनका दर्जा बढ़ाए (आमीन).”
कुछ यूजर्स ने फेसबुक पर इस दावे को शेयर किया है.
कई लोगों ने दावे को सच मानते हुए ऐसी पोस्ट्स पर कमेंट भी किए- जैसे कि ‘RIP द ग्रेट लवर ऑफ क्रिकेट’ और “अल्लाह उन्हें जन्नत में सबसे ऊंचा दर्जा बख्शे”
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने दावे को झूठा पाया है. जलील सोशल मीडिया पर अपनी मौत की फर्जी खबरों को खारिज करने के लिए खुद सामने आए.
इस दावे को यहां आर्काइव देखा जा सकता है.
AFWA जांच
ब्रिटेन में जन्मे पाकिस्तानी गायक-निर्माता और एक वैरीफाइड फेसबुक यूजर आसिफ खान ने ‘चाचा क्रिकेट’ का एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है- “मेरी मौत का एक नकली वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है. मौत एक हकीकत है और जब यह आती है, तो कोई भी इसे रोक नहीं सकता. लेकिन जिन लोगों ने मेरी फोटो के साथ मेरी मौत की झूठी खबर फैलाई, अल्लाह उन्हें समझदारी दे. मैं जिंदा हूं और पूरी तरह से ठीक हूं. मैं अपनी आखिरी सांस तक पाकिस्तान का झंडा लहराता रहूंगा, पाकिस्तान जिंदाबाद! ”
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन ने भी अपनी रिपोर्ट में ‘चाचा क्रिकेट’ की मौत के दावे का खंडन किया. AFWA ने उनकी मौत की अफवाहों को खारिज करने वाली कई न्यूज रिपोर्ट्स देखीं.
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून', 'जियो न्यूज और 'अमर उजाला' ने ‘चाचा क्रिकेट’ के जीवित होने की खबर प्रकाशित की.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘चाचा क्रिकेट’ 90 के दशक में संयुक्त अरब अमीरात में फॉरेस्ट्री डिपार्टमेंट में काम करते थे. जो भी खाली समय मिलता था वो या तो क्रिकेट खेलने या इस गेम को देखने पर लगाते थे.
जल्द ही, लोगों ने उनके आकर्षक और अपने मुल्क के समर्थन में दिए जाने वाले नारों की वजह से पहचानना शुरू कर दिया. ‘चाचा क्रिकेट’ की लोकप्रियता बढ़ने के साथ पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आधिकारिक तौर पर उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट टीम दुनिया में जहां भी मैच खेलने जाती, वहां साथ जाने के लिए हायर कर लिया. यद्यपि, चाचा क्रिकेट की मौत की खबर सच नहीं है.