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फैक्ट चेक: कश्मीर को लेकर केजरीवाल का बयान दिखाती ये पेपर क्लिप है फर्जी

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है और इसके लिए राजनीतिक दलों ने अपनी कमर भी कस ली है. हालांकि, इस बीच सोशल मीडिया पर दिल्ली के नेताओं और पार्टियों को लेकर भ्रामक खबरें फैलनी शुरू हो गई हैं.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
अरविंद केजरीवाल ने कहा- 'कश्मीर पर अपना हक छोड़ दे भारत, कश्मीरी लोग आजादी चाहते हैं'
सच्चाई
अखबार की क्लिप फर्जी है. अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक तौर पर कभी इस तरह का बयान नहीं दिया.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है और इसके लिए राजनीतिक दलों ने अपनी कमर भी कस ली है. हालांकि, इस बीच सोशल मीडिया पर दिल्ली के नेताओं और पार्टियों को लेकर भ्रामक खबरें फैलनी शुरू हो गई हैं.

सोशल मीडिया पर एक अखबार की क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का हवाला देकर एक विवादित बयान छापा गया है. क्लिप के मुताबिक, केजरीवाल ने कहा है- 'कश्मीर पर अपना हक छोड़ दे भारत, कश्मीरी लोग आजादी चाहते हैं'

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रही अखबार की क्लिप फर्जी है. अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक तौर पर कभी इस तरह का बयान नहीं दिया. ये क्लिप काफी समय से सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है.

Karunesh Dixit नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस क्लिप को शनिवार को शेयर किया था. पिछले कुछ सालों में भी इस क्लिप को हजारों लोगों ने शेयर किया है.

तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर इसकी सच्चाई सामने आ गई. इससे पहले भी इस फर्जी क्लिप पर खबर हो चुकी है. दरअसल, इस क्लिप को इसी से मिलती जुलती एक दूसरी पेपर कटिंग की मदद से बनाया गया है. इस पेपर कटिंग में केजरीवाल की जगह पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तस्वीर है और शीर्षक में लिखा है- 'शरीफ ने कश्मीर पर बातचीत के लिए केजरी को न्योता दिया'

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हमें पड़ताल में ये भी पता चला कि नवाज शरीफ वाली पेपर कटिंग भी फेक है. इस पेपर कटिंग में लिखी हुई खबर दैनिक जागरण के एक लेख से उठाई गई थी. ये लेख साल 2014 में प्रकाशित हुआ था जिसका शीर्षक था- "शरीफ का कश्मीर पर बातचीत के लिए न्योता". लेख के कुछ शब्दों से हेरफेर कर पेपर कटिंग बनाई गई है. लेख में जहां पर भी “भारत” लिखा हुआ उसे कटिंग में “केजरी” कर दिया गया है.

हमें प्रतिष्ठित मीडिया हाउस से ऐसी कोई भी खबर भी नहीं मिली, जिसमें केजरीवाल के इस तरह के बयान का जिक्र हो. अगर केजरीवाल ने ये बयान दिया होता तो इसे मीडिया में प्रमुखता से कवर किया जाता. ये भी बता दें कि केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला का भी केजरीवाल ने समर्थन किया था.

ऑल्ट न्यूज ने भी 2018 में इस क्लिप को खारिज किया था. 

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