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फैक्ट चेक: श्रम मंत्रालय के नाम पर बनी नकली वेबसाइट के झांसे में आए लोग

जब हमने इसकी जांच की, तो हमें पता लगा कि ये श्रम मंत्रालय के नाम पर बनी एक फर्जी वेबसाइट है. श्रम मंत्रालय इस तरह की कोई योजना नहीं चला रहा है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
1990 से 2021 के बीच नौकरी करने वालों को श्रम मंत्रालय एक लाख 55 हजार रुपये की आर्थिक मदद दे रहा है.
सच्चाई
श्रम मंत्रालय ने ऐसी किसी योजना की घोषणा नहीं की है. ये श्रम मंत्रालय के नाम पर बनी एक फर्जी वेबसाइट है.
ज्योति द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST

सोशल मीडिया पर कई सारे लोग ऐसा कह रहे हैं कि श्रम मंत्रालय अब एक नई योजना के तहत लोगों को एक लाख 55 हजार रुपये दे रहा है.

एक वेबसाइट का लिंक वायरल है, जिसके मुताबिक इस योजना का फायदा वही लोग उठा सकते हैं जो 1990 से 2022 के बीच कहीं नौकरी कर रहे थे. वेबसाइट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

लेकिन जब हमने इसकी जांच की, तो हमें पता लगा कि ये श्रम मंत्रालय के नाम पर बनी एक फर्जी वेबसाइट है. श्रम मंत्रालय इस तरह की कोई योजना नहीं चला रहा है.

कैसे पता लगाई सच्चाई

इस वेबसाइट में जो सबसे पहली चीज शक पैदा करती है, वो है इसका यूआरएल ‘indiagivinworks.blogspot.com’. जाहिर है, किसी सरकारी वेबसाइट का यूआरएल ऐसा नहीं होगा.

श्रम मंत्रालय की असली वेबसाइट ‘labour.gov.in’ है. दोनों की तुलना करने पर इनके बीच का फर्क साफ देखा जा सकता है.

इस वेबसाइट को खोलने पर सबसे पहले नाम और जेंडर पूछा जाता है. आप भले ही इसका गलत जवाब क्यों न दे दें, यही लिख कर आएगा कि आप इस योजना का फायदा उठा सकते हैं. इसके लिए बस आपको ये लिंक अपने 20 दोस्तों या 5 वॉट्सएप ग्रुप्स में शेयर करना होगा. ऐसा करने पर एक नया पेज खुलेगा जिस पर  ‘विदड्रॉ फंड्स’ यानी ‘पैसा निकालें’ लिखा होगा. 

इसके बाद एक ऐसा पेज खुलेगा जिसे आपका एंटीवायरस खतरनाक बताते हुए ब्लॉक कर देगा. आपके कंप्यूटर या फोन पर एंटीवायरस नहीं है, तो इससे आपका नुकसान भी हो सकता है.

इस वेबसाइट को प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो ने भी फर्जी बताया है.

 

बहुत सारे ठग इस तरह के तरीके अपना कर लोगों के फोन से अहम जानकारियां चुराते हैं. कई बार तो वो इन जानकारियों को बेचकर पैसा भी कमाते हैं. इसलिए अंजान लिंक्स पर क्लिक करने से हमेशा बचना चाहिए.

कुछ समय पहले वित्त मंत्रालय के नाम पर भी एक फर्जी वेबसाइट बनी थी जिस पर एक मनगढ़ंत योजना चलाई जा रही थी. उस वक्त भी हमने उसका पर्दाफाश किया था.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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