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फैक्ट चेक: तस्वीर में दिख रहा ये आदमी नहीं था सूडान का गृहमंत्री

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जमकर वायरल हो रही है. पोस्ट में तीन तस्वीरों का एक कोलाज है, जिसमें दो तस्वीरों में एक कुपोषित व्यक्ति नजर आ रहा है और तीसरी तस्वीर में सेना की वर्दी में एक आदमी है. कहा जा रहा है कि तस्वीरों में दिख रहे दोनों व्यक्ति एक ही हैं.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
तस्वीर में दिख रहा कुपोषित आदमी 1995 में सूडान का ग्रहमंत्री था
सच्चाई
कुपोषित आदमी और सेना की वर्दी में दिख रहे अफसर का आपस में कोई लेना-देना नहीं है
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 10:12 AM IST

'अमित शाह जी, वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता है इसका नाम 'अकीद इब्राहीम' है 1995 में सूडान का गृहमंत्री रह चुका है इसको भी अपनी कुर्सी पर बहुत नाज था शायद'

इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जमकर वायरल हो रही है. पोस्ट में तीन तस्वीरों का एक कोलाज है, जिसमें दो तस्वीरों में एक कुपोषित व्यक्ति नजर आ रहा है और तीसरी तस्वीर में सेना की वर्दी में एक आदमी है. पोस्ट में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि तस्वीरों में दिख रहे दोनों व्यक्ति एक ही हैं.

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. कोलाज में दिख रही तस्वीरें अलग-अलग लोगों की हैं. कुपोषित व्यक्ति वाली तस्वीर केन्या में इसी साल पड़े सूखे के दौरान ली गई थी, जबकि सेना की वर्दी में दिख रहा व्यक्ति सूडान की सेना का एक अफसर है.

Juned Fakira  नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस भ्रामक पोस्ट को 8 अक्टूबर, 2019 को शेयर किया था. पोस्ट को अभी तक हजारों लोग शेयर कर चुके हैं.

कुपोषित व्यक्ति वाली तस्वीर

इस तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें कुछ न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनके मुताबिक इस तस्वीर को केन्या में पड़े भयानक सूखे के दौरान लिया गया था. बीबीसी  के एक पत्रकार Roncliffe Odit ने इस तस्वीर को इसी साल मार्च में लिया था. इस सूखे में तुर्काना के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के तबाह होने की खबर थी.

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सेना की वर्दी में दिख रहे अफसर की तस्वीर

पड़ताल में पता चला कि ये तस्वीर सूडान सेना में लेफ्टिनेंट जनरल Omar Zain al-Abdin  की है. Omar Zain al-Abdin सूडान में मिलिट्री कॉउन्सिल कमिटी के प्रमुख थे. उन्होंने तीन अन्य सेना अधिकारियों सहित इसी साल अप्रैल में त्यागपत्र दे दिया था.

ये तस्वीरें कुछ महीने पहले अफ्रीका में भी भ्रामक दावे के साथ वायरल हुई थीं, जिसे AFP फैक्ट चेक  ने खारिज किया था.  

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