सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नाम पर दो बयान तेजी से वायरल हो रहे हैं. एक अखबार की कटिंग की वायरल तस्वीर में ऊपर अमित शाह के नाम से बयान लिखा गया है कि कभी नहीं बनेगा राम मंदिर, जबकि नीचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से बयान लिखा गया है कि हिंदुओं का भरोसा जीतने के लिए मुस्लिमों किसानों को मरवाना जरूरी था.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहे बयानों वाली अखबार की कटिंग की तस्वीर फोटोशॉप की मदद से तैयार की गई है.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक पर वायरल अखबार की इस क्लिपिंग में गौर करने लायक बात यह है कि इसमें खबर के शीर्षक को छोड़ बाकी पूरी खबर धुंधली नजर आती है. खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को करीब 1500 बार शेयर किया जा चुका था.
वायरल बयानों का सच जानने के लिए हमने इस तस्वीर को रिवर्स सर्च किया तो हमें इससे मेल खाती एक और अखबार की कटिंग मिली. इस कटिंग में पहली खबर का शीर्षक था, 'कभी नहीं बनने देंगे राम मंदिर: अखिलेश यादव' और दूसरी खबर का शीर्षक था, 'मुलायम: मुसलमानों का भरोसा जितने के लिए हिंदुओं पर गोलियां चलवाना जरूरी था'. इस खबर के साथ अमर उजाला ब्यूरो और मैनपुरी की डेटलाइन देखी जा सकती है.
वायरल तस्वीर और अखबार की इस कटिंग का मिलान करने पर हमने पाया कि दोनों खबरों की हेडलाइन बदलने के अलावा अमित शाह और पीएम मोदी की तस्वीर बड़े साइज में लगाई गई है. खबर का बाकी ले-आउट दोनों कटिंग्स में एक जैसा ही नजर आया.
अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बयानों का सच जानने के लिए हमने एक-एक कर दोनों बयानों को इंटरनेट पर सर्च किया. अखिलेश यादव ने दिसंबर 2015 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए राम मंदिर पर एक बयान दिया था. 23 दिसंबर 2015 को प्रकाशित हुई इस खबर के बाद हमें 25 दिसंबर 2015 को न्यूज18 में प्रकाशित एक खबर मिली जिसमें अखिलेश के ओमपाल सिंह नेहरा को बर्खास्त करने का जिक्र था, लेकिन दोनों ही खबरों में हमें वायरल बयान का जिक्र नहीं मिला.
वहीं मुलायम सिंह यादव के बयान को जब इंटरनेट पर सर्च किया तो हमें नवभारत टाइम्स सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया हाउस की वेबसाइट पर इस बयान की पुष्टि करते न्यूज आर्टिकल मिले.
यह पोस्ट पिछले साल नवंबर में भी वायरल हुई थी, उस समय दैनिक भास्कर ने इसका सच सामने रखा था. पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी के बयान वाली अखबार की कटिंग फोटोशॉप करके बनाई गई है. शाह और मोदी ने ऐसे कोई बयान नहीं दिए हैं.