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फैक्ट चेक: प्रयागराज में महाकुंभ से पहले सम्राट हर्षवर्धन की जगह लगाई गई शिवाजी की मूर्ति? यहां जानें वायरल दावों की सच्चाई

प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारी जोरों पर है, लेकिन सोशल मीडिया पर फैले दावे गलत हैं कि हर्षवर्धन की मूर्ति को हटाकर शिवाजी की प्रतिमा लगाई गई है. दरअसल, यह वीडियो महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर का है और शिवाजी की मूर्ति प्रयागराज में नहीं लगी है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों के बीच प्रवेश द्वार से सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति को हटा कर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति लगा दी गई है.
सच्चाई
प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन की प्रतिमा को शिफ्ट तो किया गया है, मगर उसकी जगह शिवाजी या किसी और की मूर्ति नहीं लगाई गई है. शिवाजी की मूर्ति वाला वीडियो महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर का है.
सत्यम तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होने में बस कुछ ही दिन रह गए हैं. जिले में कुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं और योगी सरकार महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए कई कदम उठा रही है. इस बीच कई सोशल मीडिया यूजर्स ये दावा कर रहे हैं कि प्रयागराज प्रशासन ने महादानी कहे जाने वाले सम्राट हर्षवर्धन की एक प्रतिमा को महाकुंभ के प्रवेश द्वार से हटा कर वहां छत्रपति शिवाजी की मूर्ति लगा दी है. लोग इस दावे के साथ एक वीडियो भी शेयर कर रहे हैं जिसमें किसी सड़क के पार घोड़े पर सवार छत्रपती शिवाजी की मूर्ति नजर आ रही है.

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वायरल वीडियो में एक वॉयसओवर में कहा जा रहा है कि महाकुंभ की तैयारियों के बीच प्रयागराज में छत्रपती शिवाजी की प्रतिमा लगाई गई है. वीडियो के अगले हिस्से में सड़कों पर भव्य लाइटिंग से हुई सजावट भी देखी जा सकती है.

वहीं, कुछ यूजर्स सम्राट हर्षवर्धन की प्रतिमा की तस्वीर के साथ लिख रहे हैं , “#प्रयागराज कुंभ_मेले से " सम्राट हर्षवर्धन वैस " की मूर्ति हटा के सरकार ने " छत्रपति शिवाजी महाराज " की मूर्ति स्थापित की है सरकार  " सम्राट हर्षवर्धन " की मूर्ति के रहते भी तो छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति लगा सकती थी सम्राट की मूर्ति को हटाने की क्या आवश्यकता थी ...?”

गौरतलब है कि प्राचीन भारत के सम्राट हर्षवर्धन (590-647 ई.) को उनके दानवीर होने की वजह से याद किया जाता है. कहा जाता है कि वो हर कुंभ मेले में प्रयागराज जाते थे और तब तक दान देते रहते थे जब तक उनके पास सब कुछ खत्म न हो जाए. यूजर्स कह रहे हैं कि हर्षवर्धन की मूर्ति हटा कर शिवाजी की मूर्ति लगाना उनका अपमान है.

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आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन की प्रतिमा को शिफ्ट तो किया गया है, मगर उसकी जगह शिवाजी या किसी और की मूर्ति नहीं लगाई गई है. शिवाजी की मूर्ति वाला वीडियो महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर का है.

कैसे पता चली सच्चाई?

हमने पहले वायरल वीडियो की जांच की. 23 सेकंड के इस वीडियो के शुरुआती 10 सेकंड में सड़क के पार शिवाजी की मूर्ति को देखा जा सकता है. इस फ्रेम को रिवर्स सर्च करने पर हमें यही वीडियो एक इंस्टाग्राम चैनल पर अपलोड हुआ मिला. 20 दिसंबर 2024 को अपलोड हुए इस वीडियो को छत्रपति संभाजी नगर का बताया गया है. छत्रपति संभाजी नगर, महाराष्ट्र का एक शहर है जिसका नाम पहले औरंगाबाद था.

इंस्टाग्राम वीडियो के साथ दी गई जानकारी के आधार पर सर्च करने पर हमें  यूट्यूब पर इससे मिलते जुलते वीडियो मिले. यहां शिवाजी की मूर्ति को छत्रपति संभाजी नगर के क्रांति चौक का बताया गया है. इस जानकारी के आधार पर खोजा तो हमें ये जगह गूगल मैप्स पर मिल गई. वायरल वीडियो और स्ट्रीट व्यू को मिलाने से ये साफ हो जाता है कि शिवाजी की मूर्ति वाला वीडियो प्रयागराज का नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर का है.

अब हमने वीडियो में 10 सेकंड के बाद नजर आ रही लाइट की सजावट को खोजना शुरू किया. हमें इससे मिलते जुलते वीडियो कई जगहों पर अपलोड किये हुए मिले. यहां इन्हें प्रयागराज के बाल्सन चौराहे पर लगे इल्यूमिनेशन टावर का बताया गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार ये टावर प्रयागराज के बाल्सन चौराहे और सिविल लाइंस इलाके में लगाए गए हैं.

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प्रयागराज में हर्षवर्धन और शिवाजी की प्रतिमा की क्या है कहानी?

इसके बाद हमने उन दावों की पड़ताल की जिनके अनुसार प्रयागराज में महाकुंभ के प्रवेश द्वार से सम्राट हर्षवर्धन की प्रतिमा को हटाकर शिवाजी की प्रतिमा लगाई गई है. कीवर्ड सर्च करने पर हमें अक्टूबर 2024 की कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं. खबरों के अनुसार, 17 अक्टूबर को आलोपीबाग तिराहे पर बरसों से लगी हर्षवर्धन की मूर्ति को मेला प्रशासन के कहने पर पीडब्ल्यूडी ने हटा दिया था. इसे वहां से शिफ्ट करके करीब 1 किलोमीटर दूर सीएमपी चौराहे पर शिफ्ट कर दिया गया था. खबरों में बताया गया है कि जहां मूर्ति लगी थी, वो महाकुंभ का प्रवेश द्वार है, और वहां की सड़क को चौड़ा करने के दौरान मूर्ति को वहां से हटा दिया गया था.

इस मामले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई थी. अखिलेश कई बार ये कह चुके हैं कि सपा सत्ता में वापसी करेगी तो हर्षवर्धन की मूर्ति को उसके पुराने स्थान पर ही स्थापित किया जाएगा. सीएमपी चौराहे पर लगी मूर्ति को गूगल मैप्स के स्ट्रीट व्यू में भी देखा जा सकता है.

हालांकि किसी भी खबर में हर्षवर्धन की मूर्ति वाली जगह पर शिवाजी की मूर्ति लगाए जाने का जिक्र नहीं किया गया है. इसपर और जानकारी के लिए हमने आजतक के प्रयागराज संवाददाता पंकज से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि हर्षवर्धन की मूर्ति वाली जगह पर शिवाजी की मूर्ति लगने की बात बेबुनियाद है. उन्होंने भी यही कहा कि सड़क के चौड़ीकरण के समय फ्लाईओवर के पास लगी मूर्ति को शिफ्ट किया गया था. पंकज ने हमें मूर्ति वाली जगह की तस्वीर भी भेजी जो उन्होंने 2 जनवरी 2025 को खींची है. इस तस्वीर से ये बात स्पष्ट हो जाती है कि हर्षवर्धन की मूर्ति की जगह शिवाजी या किसी और की प्रतिमा नहीं लगाई गई है.

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यहां ये बात साफ हो जाती है कि प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों के बीच हर्षवर्धन की मूर्ति की जगह शिवाजी की प्रतिमा नहीं लगाई गई है. महाराष्ट्र के वीडियो को प्रयागराज का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.

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