कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमेठी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को लेकर जनता से झूठ बोला है. राहुल गांधी ने दावा किया कि उन्होंने साल 2010 में इसी हथियार कारखाने का शिलान्यास किया था और वहां कई साल से छोटे हथियारों का उत्पादन चल रहा है. राहुल ने ट्वीट किया-" प्रधानमंत्री जी, अमेठी की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का शिलान्यास 2010 में मैंने खुद किया था। पिछले कई सालों से वहां छोटे हथियारों का उत्पादन चल रहा है. कल आप अमेठी गए और अपनी आदत से मजबूर होकर आपने फिर झूठ बोला. क्या आपको बिल्कुल भी शर्म नहीं आती? "
रविवार को पीएम मोदी ने अमेठी का दौरा किया था. वहां उन्होंने कोरवा स्थित इंडो-रूस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की नई इकाई का उद्घाटन किया, जहां आधुनिक राइफल AK-203 बनाई जाएंगी. अमेठी राहुल गांधी की संसदीय सीट है.
राहुल के ट्वीट करते ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तुरंत इसका जवाब दिया और कहा की राहुल झूठ बोल रहे हैं. स्मृति ने दो पुरानी तस्वीरों को ट्वीट करते हुए दावा किया कि राहुल को खुद पता नहीं कि उन्होंने फैक्ट्री का शिलान्यास कब किया था. तस्वीर में राहुल कोरवा की ऑर्डनेन्स फैक्ट्री के उद्घाटन स्थल पर दिख रहे हैं.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि राहुल गांधी का दावा गलत है. राहुल गांधी ने 2010 में नहीं बल्कि 2007 में कोरवा स्थित इस हथियार कारखाने का शिलान्यास किया था. शिलान्यास के काफी समय बाद इसमें उत्पादन शुरू हो पाया था. पीएम मोदी ने भी इस बात का जिक्र अपने भाषण में किया था.
पीएम ने भाषण में कहा-"अमेठी के सांसद ने 2007 में इस कारखाने की नींव रखी थी. उस समय यह कहा गया था कि फैक्ट्री में निर्माण 2010 तक शुरू हो जाएगा. लेकिन दोस्तों, शिलान्यास के तीन साल बाद भी, सरकार यह तय नहीं कर पाई कि यहां किस तरह के हथियारों का निर्माण किया जाएगा , इस कारखाने को कहां बनाया जाएगा। यहां तक कि इस परियोजना के लिए जमीन भी उपलब्ध नहीं कराई गई थी. दोस्तों, जिस फैक्ट्री में निर्माण 2010 में शुरू हो जाना चाहिए था उस कारखाने की बिल्डिंग ही 2013 तक लटकी रही. बिल्डिंग बनने के बाद किसी तरह यहां निर्माण शुरू हुआ लेकिन फिर भी, आधुनिक राइफलों का उत्पादन शुरू नहीं हुआ."
प्रधानमंत्री के भाषण का यह अंश वीडियो में 21 मिनट के बाद सुना जा सकता है.
हमने पड़ताल में पाया कि अमेठी स्थित कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की नींव 2 दिसंबर 2007 को रखी गई थी. अमेठी के सांसद राहुल गांधी ने देश की 41वें आयुध कारखाने का शिलान्यास किया था. इस बात का ज़िक्र इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री संगठन के 2007 की एक पत्रिका में भी किया गया है.
इस फैक्ट्री में शुरुआती दौर में Close Quarter Battle (CQB) कार्बाइन और कुछ छोटे हथियार बनाने की योजना थी. यह फैक्ट्री शुरुआत से ही सवालों के घेरे में रही है.
नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की डिफेन्स सेवाओं पर एक रिपोर्ट में इस परियोजना के स्थान को गैरजरूरी बताया गया था. CAG ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि फैक्ट्री के लिए चुनी गई जमीन अनुचित है और हो सकता है इसको पूरा होने में बहुत समय लग जाए.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने भी अगस्त 2010 में CAG की इस रिपोर्ट पर खबर प्रकाशित की थी.
रक्षा मंत्रालय ने 2007 में कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को स्वीकृति दे दी थी. इसे 408 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाना था और इसमें सालाना 45000 कार्बाइन्स का उत्पादन होना था. शुरुआत में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की डेड लाइन अक्टूबर 2010 तय की गई थी, हालांकि बाद में इसे बदल कर मार्च 2017 कर दिया गया था. साल 2017 में जारी की गई CAG की एक रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है. ऐसा कहा गया थाकि मार्च 2016 तक इस परियोजना पर 276 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके थे, लेकिन इसका ऑर्डिनेंस बोर्ड को कोई फायदा नहीं हो पाया था.
रविवार को एके 203 की यूनिट का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि साल 2007 में शिलान्यास होने के बावजूद इस फैक्ट्री में इतने सालों से आधुनिक राइफल्स का उत्पादन शुरू नहीं हो सका.