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फैक्ट चेक: राहुल गांधी की जनसभा में नहीं, बैलगाड़ी की दौड़ देखने उमड़ा था ये जनसैलाब

इलेक्टोरल बॉन्ड्स के डेटा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी थी और इसे सबसा बड़ा 'वसूली रैकेट' बताया था. उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जिसपर दावा है कि राहुल गांधी की सभा में भारी भीड़ उमड़ पड़ी. आजतक की फैक्ट चेक टीम ने इसकी जांच की.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजानिक होने के बाद हुई राहुल गांधी की जनसभा में उमड़ी भीड़ का है.
सच्चाई
ये वीडियो राहुल गांधी की जनसभा का नहीं, बल्कि कर्नाटक में 5 मार्च 2024 को हुई एक बैलगाड़ी रेस का है.
संजना सक्सेना
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:21 PM IST

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा जारी होने के बाद महाराष्ट्र के ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड दुनिया का सबसे बड़ा 'वसूली रैकेट' है, जिससे बीजेपी के पास राजनीतिक दलों को तोड़ने और विपक्षी सरकारों को गिराने के लिए धन आता है.

इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले फंड की लिस्ट में भारतीय जनता पार्टी 6061 करोड़ रुपये के साथ पहले स्थान पर, तो वहीं कांग्रेस 1422 करोड़ रुपये के साथ तीसरे स्थान पर है.

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इस बीच कथित तौर पर राहुल गांधी की हालिया जनसभा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. किसी मैदान में शूट हुए इस वीडियो में लोगों की भारी भीड़ के बीच से गाड़ियों का एक काफिला निकलता हुआ दिखाई दे रहा है, जिसको देखते हुए लोग काफी हूटिंग कर रहे हैं. लोगों की मानें तो ये वीडियो चुनावी बॉन्ड के खरीदारों की लिस्ट सार्वजनिक होने के बाद हुई राहुल गांधी की एक जनसभा का है, जिसमें भारी संख्या में लोग कांग्रेस के सपोर्ट में मौजूद थे.  

उत्तराखंड कांग्रेस के आधिकारिक फेसबुक पेज समेत कई लोगों ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "#ElectoralBondScam खुलासे के बाद राहुल गांधी की पहली बड़ी जनसभा." ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो राहुल गांधी की जनसभा का नहीं, बल्कि कर्नाटक में 5 मार्च 2024 को हुई एक बैलगाड़ी रेस का है.

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो से मिलता-जुलता एक अन्य मिला. इसे इंस्टाग्राम पर भी 10 मार्च 2024 को शेयर किया गया था. इस वीडियो में मौजूद भीड़ के बीच एक बैलगाड़ी दिखाई दे रही है. कुछ लोग इन बैलों के नीचे भी आ जाते हैं. वीडियो के साथ दी गई जानकारी में इसे 'बैलगाड़ी रेस' बताया गया है.

इतना तो यहीं साफ हो जाता है कि ये वीडियो चुनावी बॉन्ड के खरीदारों की लिस्ट सार्वजनिक होने से पहले का है.

वीडियो में एक शख्स का बड़ा-सा पोस्टर दिखाई दे रहा है, जिसे वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है. इनकी तुलना करने पर साफ होता है कि ये दोनों वीडियो एक ही जगह के हैं.

थोड़ा और खोजने पर हमें वायरल वीडियो एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मिला. अभिजीत कालगे नाम के एक शख्स ने इसे 5 मार्च 2024 को शेयर किया था.

वीडियो के बारे में और जानकारी पाने के लिए हमने अभिजीत से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो उन्होंने खुद 5 मार्च 2024 को शूट किया था, जब वो कर्नाटक के बेलगाम जिले में बैलगाड़ी की दौड़ देखने गए थे. उन्होंने हमें ये भी बताया कि इस रेस में कोल्हापुर का 'हरण्या' नाम का एक बैल जीता था.

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इसके बाद हमने कोल्हापुर के आजतक संवाददाता दीपक सूर्यवंशी से संपर्क किया. उन्होंने हमसे इस बात की पुष्टि की कि ये वीडियो कर्नाटक के बेलगावी जिले में स्थित चिकोडी एकसंबा गांव का है. दरअसल, 5 मार्च 2024 को कांग्रेस विधायक प्रकाश हुक्कीरे के जन्मदिन के अवसर पर इस बैलगाड़ी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था.

संवाददाता दीपक की मदद से हमने इस रेस में जीतने वाले बैल 'हरण्या' के मालिक सचिन पाटिल से भी संपर्क किया. सचिन ने हमें बताया कि विधायक प्रकाश हुक्कीरे के जन्मदिन पर उनके बेटे गणेश हुक्कीरे ने बैलगाड़ी रेस का आयोजन किया था. इस दौड़ में उनके बैल 'हरण्या' ने जीत हासिल की थी, जिसके बाद उन्हें 17 लाख रुपये का इनाम भी मिला. साथ ही, उन्होंने ये भी बताया कि वीडियो में जिस शख्स का पोस्टर दिखाई दे रहा है वो गणेश हुक्कीरे ही हैं.  

सचिन ने हमें इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें भी भेजीं, जिन्हें नीचे देखा जा सकता है.

इसके अलावा, बेलगाम के एक न्यूज आउटलेट ने 5 मार्च 2024 को इस पूरे कार्यक्रम का एक लाइव वीडियो भी शेयर किया था, जिसे नीचे देखा जा सकता है.  इसमें बैलगाड़ी की दौड़ होते हुए साफ देखा जा सकता है.

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 15 मार्च को महाराष्ट्र के पालघर पहुंची. यात्रा के दौरान वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड पर केंद्र सरकार को घेरा था. लेकिन, इस वायरल वीडियो का राहुल गांधी की यात्रा से कोई लेना-देना नहीं.

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(इनपुट: आजतक संवाददाता दीपक सूर्यवंशी)

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