मथुरा, वाराणसी और संभल के बाद अब राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर विवाद शुरू हो गया है. दावा किया जा रहा है कि अजमेर शरीफ दरगाह के नीचे एक हिंदू मंदिर है जिसकी वजह से उसका सर्वे होना चाहिए.
अजमेर की अदालत ने इस मामले में 20 दिसंबर को सुनवाई करने का फैसला किया है, जिसकी विपक्ष के नेताओं ने तीखी आलोचना की है. बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी तक ने हाल ही में बयान दिया है कि अजमेर की दरगाह पर विवाद खड़ा करना देश हित में नहीं है.
इस बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में बताया गया है कि अजमेर शरीफ के सर्वे की मांग करने वाले शख्स के बेटे को कैंसर हो गया है. लोग इसे ‘ख्वाजा का करम’ बता रहे हैं.
ऐसे ही एक पोस्ट में लिखा है, “ख्वाजा जी की दरगाह का सर्वे याचिका देने वाले का बेटा हुआ कैंसर से पीड़ित, मेरे ख्वाजा जी का करम है.”
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये एक अफवाह है. याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि उनका बेटा स्वस्थ है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
खबरों के मुताबिक, अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका, ‘हिंदू सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की थी.
विष्णु गुप्ता ने साल 2011 में हिंदू सेना की शुरुआत की थी. विष्णु, शिवसेना युवा दल के नेता भी रह चुके हैं और उन्होंने साल 2022 में ज्ञानवापी विवाद में भी सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने का आवेदन किया था.
हमने विष्णु गुप्ता के बेटे की तबियत को लेकर छपी खबरें ढूंढने की कोशिश की, लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली. इसके बाद हमने विष्णु गुप्ता से संपर्क किया. उन्होंने आजतक से इस बात की पुष्टि की कि सोशल मीडिया पर उनके बेटे को लेकर वायरल हो रही ये बात पूरी तरह झूठ है.
विष्णु ने बताया, “मेरा एक सात साल का बेटा है, जो अभी दूसरी कक्षा में पढ़ता है. वो और मेरे परिवार के सभी सदस्य पूरी तरह स्वस्थ हैं. सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह पर विश्वास ना करें.”
क्या है अजमेर शरीफ का पूरा मामला?
हिंदू सेना के नेता विष्णु गुप्ता ने अजमेर की निचली अदालत में एक याचिका दायर की थी कि अजमेर शरीफ दरगाह के नीचे एक शिव मंदिर है. 27 नवम्बर को अजमेर की सिविल अदालत ने अजमेर दरगाह समिति, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी करते हुए इस याचिका पर सुनवाई करने का फैसला लिया. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है.
साफ है, अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर छिड़े विवाद के बीच सोशल मीडिया पर मामले के याचिकाकर्ता के बेटे के स्वास्थ्य को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है.
फैक्ट चेक ब्यूरो