वैसे तो सानिया मिर्जा नाम सुनकर ज्यादातर लोगों के जेहन में भारत की चर्चित टेनिस खिलाड़ी का ख्याल आता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक दूसरी सानिया मिर्जा का नाम चर्चा में है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की सानिया मिर्जा देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बन सकती हैं. एक टीवी मेकैनिक की बेटी सानिया ने एनडीए के 149वें कोर्स की परीक्षा में 63वीं रैंक हासिल की है जिसके चलते उनकी खूब तारीफ हो रही है.
इन तारीफों और चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्टकार्ड वायरल हो गया है, जिसमें भारतीय वायुसेना की यूनिफॉर्म पहने हुए एक महिला पायलट की दो तस्वीरें देखी जा सकती हैं. इन तस्वीरों में दिखाई दे रही पायलट को 'देश की पहली मुस्लिम महिला पायलट सानिया मिर्जा' कहा जा रहा है.
मिसाल के तौर पर, एक ट्विटर यूजर ने इस कोलाज को पोस्ट करते हुए लिखा, "सानिया मिर्जा बनी देश की पहली मुस्लिम फाइटर पायलट.
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की रहने वाली हैं सानिया, पिता हैं टीवी मैकेनिक
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल पोस्टकार्ड में जिस महिला पायलट की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं वो मिर्जापुर की सानिया मिर्जा नहीं हैं. ये तस्वीरें राजौरी, जम्मू कश्मीर की फाइटर पायलट मावया सूदन की हैं.
क्या है वायरल पोस्टकार्ड वाली महिला की कहानी?
वायरल पोस्टकार्ड में दिख रही महिला की तस्वीरों को जब हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजा तो वो हमें "एनडीटीवी" और "द क्विंट" की खबरों में मिलीं. 20 जून, 2021 को "एनडीटीवी" ने भारतीय वायुसेना की यूनिफॉर्म में दिख रही इस महिला पायलट की तस्वीर के साथ एक खबर छापी थी. इस रिपोर्ट में लिखा है कि ये तस्वीर जम्मू कश्मीर के राजौरी की रहने वाली मावया सूदन की है. "आजतक" () में छपी एक खबर के अनुसार, पिछले साल मावया सूदन, जम्मू कश्मीर की पहली व भारतीय एयरफोर्स की 12वीं महिला फाइटर पायलट बनी थीं.
"द क्विंट" में छपी खबर के मुताबिक, मावया सूदन का फाइटर पायलट के रूप में इंडक्शन हैदराबाद स्थित एयरफोर्स अकेडमी के संयुक्त स्नातक परेड समारोह में हुआ था. इस समारोह की समीक्षा तत्कालीन एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने की थी. जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से मावया को बधाई दी थी.
एनडीए में 149वें कोर्स की परीक्षा में 63वीं रैंक पाने वाली मिर्जापुर की सानिया मिर्जा के बारे में खोजबीन करने पर हमें 23 दिसंबर को छपी 'नवभारत टाइम्स' की रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की रहने वाली सानिया मिर्जा भारत की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बन सकती हैं. अगर ऐसा हुआ, तो वो उत्तर प्रदेश की पहली महिला फाइटर पायलट होंगी.
अभी "फाइटर पायलट" नहीं बनी हैं सानिया
कई लोग सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि सानिया भारत की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बन गई हैं. लेकिन भारतीय वायुसेना ने हाल ही में इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया. भारतीय वायुसेना ने अपने बयान में कहा कि सानिया अभी फाइटर पायलट नहीं बनी हैं. किसी उम्मीदवार को भारतीय वायुसेना में पायलट बनने में चार साल लगते हैं. चार साल की अवधि के दौरान, उम्मीदवार को फ्लाइंग ब्रांच के लिए निर्धारित प्रशिक्षण पूरा करना होता है. इन चार सालों में सानिया को कई इम्तेहानों से गुजरना पड़ेगा. इनमें सफल होने पर उन्हें फाइटर पायलट के रूप में देखा जा सकता है. वायुसेना का ये बयान "इंडिया टुडे" की इस रिपोर्ट में पढ़ा जा सकता है.
जाहिर है, वायरल पोस्टकार्ड में दिख रही तस्वीरें जम्मू कश्मीर की मावया सूदन की हैं, न कि मिर्जापुर की सानिया मिर्जा की.
अपडेट: सानिया मिर्जा के पिता शहिद अली ने बातचीत के दौरान हमें बताया कि एनडीए परीक्षा में सानिया की 63 रैंक आई है और 149 उनके कोर्स का नंबर है. लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में सानिया के रैंक को 149 कहा जा रहा है जो सही नहीं है. तदनुसार इस रिपोर्ट को भी अपडेट कर दिया गया है.