क्या जिस गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की सबसे ऊंची विश्वविख्यात प्रतिमा बनवाई, उसी गुजरात में 'सरदार पटेल एयरपोर्ट' का नाम बदलकर 'अडानी एयरपोर्ट' कर दिया गया है?
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने तो ऐसा ही दावा किया है. उन्होंने ये कहकर सनसनी फैला दी है कि अहमदाबाद के ‘सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ का नाम बदलकर ‘अडाणी एयरपोर्ट’ कर दिया गया है. उनका आरोप है कि भाजपा सरकार सरदार पटेल के नाम को सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करती है और अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए पार्टी ने पटेल को दरकिनार कर दिया.
अमित ने एक होर्डिंग की फोटो शेयर की है, जिस पर अंग्रेजी और गुजराती भाषाओं में लिखा है, ‘अहमदाबाद में आपका स्वागत है’. इसके अलावा होर्डिंग के दोनों किनारों पर अंग्रेजी में ‘अडाणी एयरपोर्ट्स’ भी लिखा हुआ है.
इस फोटो के साथ अमित ने लिखा है, “सरदार विरोधी, अदानी प्रेमी भाजपा
सरदार पटेल के नाम पे सिर्फ अपने राजकाज को चमकाने वाली भ्रष्ट भाजपा सरकार ने अपने उद्योगपति मित्र की खिदमत में गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट से देश के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम गायब कर के अदानी एयरपोर्ट कर दिया। #बेशर्म_भाजपा”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि अहमदाबाद स्थित ‘सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ के संचालन का काम अडाणी समूह को दिया गया है, पर उसका नाम नहीं बदला गया है.
फेसबुक पर भी बहुत सारे लोग अहमदाबाद के ‘सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ का नाम ‘अडाणी एयरपोर्ट’ कर दिए जाने का दावा कर रहे हैं. ऐसे ही एक यूजर ने एक फोटो शेयर की जिसमें कुछ लोग एक व्यक्ति के हाथ में एक बड़ी सी चाबी सौंप रहे हैं. फोटो के साथ लिखा है, “कल तक अहमदाबाद एयरपोर्ट का नाम सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट था. अब अडाणी एयरपोर्ट हो गया है. मुंह पर मास्क लगाकर रखें.
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
बहुत सारे लोग इस दावे पर यकीन कर रहे हैं. एक यूजर ने ऐसे एक पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा, “शर्मनाक! कम से कम सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.”
उधर, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ऐलान किया है कि वे देश के उद्यमियों मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी के उत्पादों का पूरी तरह बहिष्कार करेंगे. किसानों की नाराजगी का आलम ये है कि कुछ वक्त पहले उन्होंने इन व्यवसायियों के पुतले तक जलाए थे.
क्या है दावे की सच्चाई
पिछले साल अडाणी समूह ने सबसे ऊंची बोली लगाकर 50 वर्षों की अवधि के लिए अहमदाबाद हवाई अड्डे सहित देश के कुछ हवाई अड्डों के संचालन का ठेका हासिल किया था.
इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए 6 नवंबर को ‘एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ ने अडाणी समूह को अहमदाबाद के ‘सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ के संचालन का जिम्मा सौंप दिया. अथॉरिटी ने एक ट्वीट के जरिये इस बारे में जानकारी दी थी.
इस बारे में कई मीडिया रिपोर्ट भी छपी थीं.
हमें ‘एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ की वेबसाइट पर ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली कि अहमदाबाद के एयरपोर्ट का नाम ‘सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ से बदलकर ‘अडाणी एयरपोर्ट’ किया जा रहा है. हमें किसी विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट में भी ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली.
क्या कहती हैं सरकारी वेबसाइट्स
‘एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ और अहमदाबाद के एयरपोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट्स में भी हमें हवाई अड्डे का नाम ‘सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ ही लिखा मिला.
सूचना विभाग ने भी किया है खंडन
गुजरात के सूचना विभाग ने अमित चावड़ा के दावे को गलत बताया है.‘@PIBAhmedabad’ ट्विटर हैंडल से किए गए खंडन में गुजराती भाषा में स्पष्टीकरण दिया गया है, जिसका हिंदी में सार ये है कि, “ये होर्डिंग के एक ही तरफ की फोटो है जिस पर ‘अहमदाबाद में आपका स्वागत है’ के साथ ‘अडाणी एयरपोर्ट्स’ लिखा है.. इसी बोर्ड के दूसरी तरफ लिखा है ‘सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट’.” ‘@PIBAhmedabad’ हैंडल से होर्डिंग के दोनों तरफ की तस्वीरें शेयर की गई हैं.
इस ट्वीट के नीचे ‘@PIBAhmedabad’ ने उस होर्डिंग के दोनों तरफ का वीडियो पोस्ट किया है, जिसकी फोटो अमित चावड़ा ने शेयर की है.
अहमदाबाद एयरपोर्ट के बोर्ड की ताजा तस्वीरें
हमने ‘whopostedwhat’ टूल की मदद से इंस्टाग्राम पर अहमदाबाद एयरपोर्ट की हाल-फिलहाल की तस्वीरें तलाशीं. हमने पाया कि सिंगर विनोद सिंह ने 13 दिसंबर और दुष्यंत पार्कर ने 10 दिसंबर को अहमदाबाद एयरपोर्ट की ऐसी फोटोज शेयर की थीं, जिनमें बाहर लगा बोर्ड साफ दिख रहा है. इस पर एयरपोर्ट का नाम ‘सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन’ लिखा हुआ है.
जाहिर है कि अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नाम अडाणी समूह के नाम पर रखे जाने की बात में कोई सच्चाई नहीं है. हालांकि ये सच है कि देश के कुछ अन्य हवाई अड्डों सहित इस हवाई अड्डे के संचालन का ठेका भी अडाणी समूह को 50 वर्षों के लिए दिया गया है.