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फैक्ट चेक: क्या अंग्रेज़ी कविता 'माई डाइंग कांशियंस' राम जेठमलानी ने लिखी थी?

एक कविता, माई डाइंग कांशियंस यानी मेरी मरती अंतरात्मा को इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है. इस कविता को शेयर करते समय कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि यह कविता प्रख्यात वकील और लेखक राम जेठमलानी ने लिखी है. क्या है इस दावे की हकीकत? जानिए इस फैक्ट चेक में.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
प्रख्यात वकील और लेखक राम जेठमलानी ने लिखी कविता “माई डाइंग कांशियस”
सच्चाई
लेखिका रश्मी त्रिवेदी ने लिखी है ये कविता
विद्या
  • मुंबई,
  • 11 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

एक कविता, “माई डाइंग कांशियंस” यानी की ‘मेरी मरती अंतरात्मा’ को इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है. इस कविता को शेयर करते समय कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि यह कविता प्रख्यात वकील और लेखक राम जेठमलानी ने लिखी है. 95 साल की उम्र में जेठमलानी का निधन रविवार, 8 सितंबर को हुआ था.

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क्या है दावा?

फेसबुक यूजर ‘राम रे’ ने एक लंबी अंग्रेज़ी कविता पोस्ट करते समय लिखा “राम जेठमलानी की एक प्यारी कविता, जो 95 साल की उम्र में गुज़र गए”. इस पोस्ट को कुछ लोगों ने शेयर किया है और इसका आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.

इसी तरह से कुछ और फेसबुक और ट्विटर यूजर्स ने भी यही दावा पोस्ट किया है.

क्या है सच्चाई?

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वार रूम ने पाया कि वायरल कविता राम जेठमलानी ने नहीं बल्की लेखिका रश्मी त्रिवेदी ने लिखा है.

कैसे पता किया

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वार रूम ने इस कविता की पहली पंक्तियां इटंरनेट पर सर्च की तो पाया की सियासत.काम  पर ये कविता 1 दिसम्बर 2017 को लेखिका रश्मी त्रिवेदी के नाम से छपी थी. फेसबुक पर लेखिका रश्मी त्रिवेदी का ऑफिशियल अकाउंट है जिस पर ये कविता 2 दिसम्बर 2017 को पोस्ट की गई थी.

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इस पोस्ट के कमेंट्स में कई लोगों ने इस कविता को सराहा है और इसका जवाब देते हुए त्रिवेदी ने उनका शुक्रिया अदा किया है. वहीं एक फेसबुक यूजर के कमेंट पर त्रिवेदी ने कहा “आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने लेखक का नाम गूगल पर ढूंढा. मुझे ऐसे बहुत सारे लोग मिले हैं जो बेहिचक चोरी कर लेते हैं और अपने नाम के साथ फारवर्ड कर देते हैं.”

इन बातों से जाहिर है की ये कविता त्रिवेदी की ही है. इस कविता के बारे में और जानकारी लेने के लिए इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वार रूम ने त्रिवेदी से सम्पर्क किया है.  उन्होंने कहा 'ये कविता मैंने ही लिखी है, हालांकि ये पहली बार नहीं है जब किसी और के नाम से ये कविता वायरल हुई हो. 2017 में भी व्हाट्सएप्प पर किसी और के नाम से ये कविता वायरल हुई थी.' मालूम हो कि दिल्ली की रहने वाली त्रिवेदी ने तीन किताबें लिखी हैं और इनकी चौथी किताब जल्दी ही छपनेवाली है.

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