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फैक्ट चेक: ये चार साल पहले पुलिस की पिटाई में घायल टेम्पो वाला है, न कि हरियाणा में हाल ही में चोटिल हुआ किसान

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि पीठ की चोटों को दिखाते सिख व्यक्ति की फोटो न तो हाल-फिलहाल की है और न ही इसका किसान आंदोलन से कुछ लेना-देना है. ये साल 2019 में दिल्ली में हुई एक घटना की तस्वीर है जिसमें पुलिस ने एक सिख टेम्पो ड्राइवर को पीटा था.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये हरियाणा की हालिया तस्वीर है जहां पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया.
सच्चाई
ये फोटो साल 2019 में दिल्ली में हुई एक घटना की है जिसमें पुलिसवालों ने एक टेंपो ड्राइवर की पिटाई कर दी थी.
ज्योति द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2023,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

हाल ही में हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे को भी जाम कर दिया. छह जून को देर रात तक भी जब किसान हाईवे से नहीं हटे तो पुलिस ने वहां लाठीचार्ज किया. इसमें कई किसान घायल हो गए. इस मामले में पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत नौ किसान नेताओं को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है.  

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अब इन सबके बीच अब सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो गई है, जिसमें एक सिख व्यक्ति अपनी पीठ पर लगी चोटों के निशान दिखाता नजर आ रहा है.

कई लोग इसे हरियाणा की हालिया तस्वीर बता रहे हैं और कह रहे हैं कि इस किसान का ये हाल अनाज का सही दाम मांगने की वजह से हुआ.

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने इस फोटो के साथ एक दूसरी फोटो भी शेयर की जिसमें एक शख्स के सिर पर गहरी चोट लगी हुई दिख रही है. साथ ही, उन्होंने लिखा, "ये भारत के अन्नदाता हैं. इनका गुनाह ये है की ये अपने अनाज का सही दाम चाहते है. खट्टर सरकार ने कहा “अनाज का दाम माँगोगे तो जान ले लेंगे.”

वहीं, पहलवान साक्षी मलिक ने भी पीठ और सिर पर चोट खाए लोगों की तस्वीरों के साथ चार तस्वीरों का एक कोलाज भी शेयर किया जिसमें कुछ चोटिल लोग नजर आ रहे हैं. उन्होंने लिखा, “किसानों ने सिर्फ़ अपनी फसलों की एमएसपी माँगी थी. लेकिन क्रूर तंत्र ने उन्हें लाठियाँ और गिरफ़्तारियाँ दीं. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की गिरफ़्तारी की हम निंदा करते हैं, उनकी जल्द रिहाई हो. आंदोलन में शहीद हुए किसान की खबर ने आँखें नम कर दी हैं.”

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संजय सिंह और साक्षी मलिक के ट्वीट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि पीठ की चोटों को दिखाते सिख व्यक्ति की फोटो न तो हाल-फिलहाल की है और न ही इसका किसान आंदोलन से कुछ लेना-देना है. ये साल 2019 में दिल्ली में हुई एक घटना की तस्वीर है जिसमें पुलिस ने एक सिख टेम्पो ड्राइवर को पीटा था.

इसके अलावा, सिर पर जख्म वाले शख्स की तस्वीर भी इंटरनेट पर कम से कम साल 2021 से मौजूद है.  

क्या है पहली फोटो की कहानी?  

पीठ पर चोट खाए हुए सिख व्यक्ति की फोटो को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें साल 2019 के एक फेसबुक पोस्ट में मिली. यहां बताया गया है कि इस व्यक्ति के शरीर पर ये चोट के निशान दिल्ली पुलिस की पिटाई से पड़े थे. इस पोस्ट में वायरल फोटो से मिलती-जुलती और भी कई तस्वीरें हैं.

आम आदमी पार्टी के पूर्व आईटी हेड अंकित लाल ने भी इन तस्वीरों को शेयर करते हुए दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा था.

उस वक्त इस घटना के बारे में कई खबरें छपी थीं. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, 16 जून को दिल्ली के मुखर्जी नगर में सरबजीत नाम के एक शख्स का टेंपो पुलिस की गाड़ी से टकरा गया था. आरोप है कि इसके बाद पुलिसवालों ने सरबजीत को काफी पीटा था. वहीं, पुलिस का कहना था कि सरबजीत ने उन पर तलवार से हमला किया, जिस वजह से उन्होंने उसकी पिटाई की. उस वक्त दिल्ली पुलिस और सरबजीत- दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

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दूसरी फोटो कब की है?

कीवर्ड सर्च करने पर हमें दूसरी फोटो साल 2021 के मनदीप पुनिया नामक पत्रकार के ट्विटर पोस्ट में मिली. उस वक्त ने मनदीप ने

लिखा था कि ये फोटो रविंदर नाम के किसान की है जिनका पुलिस की पिटाई से सिर फट गया है. साथ ही, ये भी बताया था कि रविंदर के सिर में सात सेंटीमीटर लंबा घाव हुआ था जिस पर टांके लगाए गए थे.

हालांकि हम स्वतंत्र रूप से इस फोटो की पुष्टि नहीं कर सके, लेकिन इतनी बात तय है कि चूंकि ये फोटो साल 2021 से ही इंटरनेट पर मौजूद है, इसलिए ये हाल-फिलहाल की नहीं हो सकती.

राकेश टिकैत ने शेयर किया था चार तस्वीरों का कोलाज

साक्षी मलिक ने जो चार तस्वीरों का कोलाज शेयर किया है, उसे किसान नेता राकेश टिकैत ने छह जून को फेसबुक पर पोस्ट किया था. उन्होंने बताया था कि ये हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद की तस्वीरें हैं.

इसके अलावा, कुछ लोगों ने हाल ही में सोशल मीडिया पर हरियाणा में पुलिस की पिटाई में घायल किसानों से बातचीत की कुछ

तस्वीरें और वीडियो शेयर किए थे. इनमें जो लोकेशन नजर आ रही है, वो साक्षी मलिक वाले कोलाज की तस्वीरों से काफी मिलती-जुलती है. इनमें से एक वीडियो में एक किसान बताता है कि वो ढोला माजरा गांव का रहने वाला है. ढोला माजरा गांव हरियाणा के कुरुक्षेत्र में है.

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आजतक के कुरुक्षेत्र संवाददाता चंद्र प्रकाश ने भी इस बात की पुष्टि की है कि इस कोलाज की सभी तस्वीरें हाल ही में कुरुक्षेत्र में घायल हुए किसानों की हैं.

कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि वायरल हो रही तस्वीरों में से कुछ तो हाल-फिलहाल की ही हैं, लेकिन कुछ पुरानी हैं.

इनमें से पीठ की चोट दिखाते सिख व्यक्ति की फोटो साल 2021 में भी किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल हुई थी. उस वक्त भी हमने इसकी सच्चाई बताई थी.

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