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फैक्ट चेक: बिहार में वंदे भारत पर पत्थर फेंकने वाले आरोपी मुसलमान नहीं, हिन्दू थे

सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों के साथ खड़े दो लोगों की एक तस्वीर खूब शेयर की जा रही है. कुछ यूजर्स की मानें तो ये तस्वीर दो मुसलमान व्यक्तियों, शाहिद हुसैन और सलमान की है जिन्हें बिहार के गया शहर में वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये तस्वीर दो मुसलमान व्यक्तियों, शाहिद हुसैन और सलमान की है, जिन्हें बिहार में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
सच्चाई
वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करने के मामले में गिरफ्तार हुए आरोपी मुसलमान नहीं, बल्कि हिन्दू हैं.
संजना सक्सेना
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:38 PM IST

सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों के साथ खड़े दो लोगों की एक तस्वीर खूब शेयर की जा रही है. कुछ यूजर्स की मानें तो ये तस्वीर दो मुसलमान व्यक्तियों, शाहिद हुसैन और सलमान की है जिन्हें बिहार के गया शहर में वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

फेसबुक पर वायरल तस्वीर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा , “शाहिद हुसैन और सलमान वन्दे भारत पर पथराव के लिए गिरफ्तार #देश_द्रोही_जमात.”

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आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करने के मामले में गिरफ्तार हुए आरोपी मुसलमान नहीं, बल्कि हिन्दू हैं.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीवर्ड सर्च की मदद से हमें ये तस्वीर रेल मंत्रालय के 22 नवंबर, 2024 के एक ट्वीट में मिली. इसमें लिखा है कि गया में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव करने वाले दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

इस ट्वीट के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने लिखा है, “शाहिद हुसैन और सलमान”. ऐसा हो सकता है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट की शुरुआत इसी ट्वीट से हुई हो.

हमें इस घटना के बारे में छपी कई खबरें मिलीं. इनके मुताबिक गया के मानपुर रेल सेक्शन में दो वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटना हुई थी. मामले में आरपीएफ ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इन खबरों में आरोपियों के नाम विकास कुमार और मनीष कुमार लिखे हैं, जो मानपुर के रहने वाले हैं. दोनों ने ट्रैक पर घंटों बैठकर ट्रेन का इंतजार किया और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के आते ही उसपर पत्थर से हमला कर दिया.

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खबरों में बताया गया है कि 16 नवंबर 2024 को एक ट्वीट के जरिये शिकायत की गई थी कि पटना-टाटा वंदे भारत एक्सप्रेस और गया-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस पर मानपुर रेल खंड मध्य के पास पत्थरबाजी हुई है. इस घटना में ट्रेन का शीश क्रैक हो गया था. सूचना मिलते ही आरपीएफ ने विशेष टीम गठित कर घटनास्थल के पास छापेमारी की और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

खबरों के अनुसार, दोनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है और दोनों जमानत पर बाहर थे. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उन्होंने अन्य ट्रेनों को भी निशाना बनाने की योजना  बनाई थी.

रेलवे सुरक्षा बल ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 23 नवंबर, 2024 को एक अखबार की खबर ट्वीट  की है. इसमें भी यही जानकारी देते हुए आरोपियों के नाम विकास कुमार और मनीष कुमार बताए गए हैं. साथ ही, मामले में प्रेस को दिए गए रेलवे के आधिकारिक बयान में मनीष कुमार के पिता का नाम सूरज प्रसाद, वहीं विकास कुमार के पिता का नाम छोटन पासवान बताया गया है. 

हमने रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार से भी संपर्क किया. उन्होंने भी आजतक से इस बात की पुष्टि की कि इस मामले में दो ही आरोपी हैं जिन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है, और दोनों ही हिन्दू हैं.

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दिलीप कुमार ने ये भी बताया कि हाल ही में अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे 12 मुस्लिम बांग्लादेशी नागरिकों को त्रिपुरा में रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया था. लेकिन, उन मुसलमान व्यक्तियों में से भी किसी का नाम सलमान या शाहिद नहीं था.

साफ है, बिहार के गया में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंकने के मामले में गिरफ्तार हुए हिंदू आरोपियों को मुस्लिम बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.

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