सोशल मीडिया पर तथाकथित रूप से “लव-जिहाद” दिखाने वाला एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में दिखता है कि एक छोटे से रेस्तरां के बाहर अफरा-तफरी मची है, कुछ लड़कियां मुंह छिपाकर भाग रही हैं और कुछ लड़के बाइक से भागने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच कुछ लोग इनको पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं और कहा सुनी हो रही है.
बताया जा रहा है कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश के बदायूं का है. दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम लड़कियां यहां अपनी हिन्दू सहेलियों को ‘लव जिहाद’ के मक़सद से फंसा कर लाती थीं.
एक फ़ेसबुक यूज़र ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा, “बिसौली रोड बदायूं
मुस्लिम लड़कियां बहुत सारी हिंदू लड़कियों को अपने भाइयों से मिलाने लाई थी
ग्रामीणों को इसका शक हुआ और उन्होंने इस रेस्तरां पर घेरा बंदी की . नोट किया जाए के "मुस्लिम लड़कियां" गहरी साजिश के अन्तर्गत ""लव जिहाद"" में अपनी "अहम भूमिका" निभाती हैं .”
ये वीडियो इंस्टाग्राम और X पर भी शेयर किया जा रहा है. जैसे एक इंस्टाग्राम यूज़र sunilrathor500 ने कहा है “अपनी बहन-बेटियों पर नजर रखें कि उनके दोस्त कौन हैं, कहीं वह लव जिहाद का शिकार होने को तैयार तो नहीं?”
आजतक फ़ैक्ट चेक ने पाया कि ये घटना सचमुच बदायूं की है. लेकिन ये वीडियो उस समय का है जब ये लड़के-लड़कियां यहां साथ में खाना खा रहे थे और बजरंग दल के लोगों ने यहां पर “गलत काम होने के शक में” छापेमारी की थी.
कैसे पता चली सच्चाई?
फ़ेसबुक पर ‘बिसौली रोड बदायूं’ लिख कर सर्च करने से हमें इस घटना से जुड़ा एक दूसरा वीडियो मिला. इस वीडियो को 17 जनवरी को बदायूं के एक लोकल न्यूज पोर्टल ‘गौतम संदेश’ ने पोस्ट किया था. इस खबर के मुताबिक, “एक संगठन के पदाधिकारियों ने रेस्तरां में छापा मारा, तो वहां युवक-युवतियों में भगदड़ मच गई.”
जब हमने इस वीडियो में दिख रहे रेस्तरां ‘द टाउन’ को गूगल मैप पर ढूंढा तो वहां से हमें इसके मालिक अनस चौधरी का फोन नंबर मिला. अनस ने हमें बताया कि “17 जनवरी को बजरंग दल से जुड़े लोग आए और रेस्तरां में खाने खा रहे लड़के-लड़कियों को के वीडियो बनाने लगे. उन लोगों ने लड़कियों का ज़बरदस्ती हाथ भी पकड़ा. पुलिस ने मेरे रेस्तरां की पूरी जांच की है, उन्हें कुछ भी ग़लत नहीं मिला.”
बदायूं पुलिस ने भी इस घटना के बारे में X पर कहा है कि पुलिस ने जब मामले की जांच की तो वहां कुछ भी गलत होता हुआ उन्हें नहीं मिला.
बदायूं के एक अखबार ‘बदायूं अमर प्रभात’ में छपी खबर के मुताबिक यह छापेमारी विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और गौरक्षा बजरंग दल से जुड़े लोगों ने की थी.
हमने इस संदर्भ में बदायूं के एसएसपी आलोक प्रियदर्शी से भी बात की. उन्होंने भी साफ़ किया कि इस घटना में ‘लव जिहाद’ का कोई एंगल सामने नहीं आया है.