सोशल मीडिया पर एक निर्माणाधीन भवन की दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इनके साथ दावा किया जा रहा है कि ये अयोध्या में बन रहे बहुप्रतीक्षित भव्य राम मंदिर की तस्वीरें हैं.
फेसबुक पर कई यूजर्स ने ये तस्वीरें पोस्ट करते हुए हिंदी में लिखा है, “अयोध्या प्रभु श्री राम जी की मंदिर निर्माण का पहला तस्वीर है. जिन भाईयों को देखकर ख़ुशी हुई, तो एक बार सच्चे दिल से आप जय श्री राम बोल दे”.
कई यूजर्स ने ये तस्वीरें पोस्ट करते हुए इसी तरह का दावा किया है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. ये तस्वीरें अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की नहीं हैं, बल्कि यह वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का मुख्य परिसर है, जिसे काशी विश्वनाथ कोरिडोर परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है.
ऐसी कुछ फेसबुक पोस्ट के आर्काइव यहां , यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल तस्वीरों का सच
रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमें हिंदुस्तान टाइम्स का एक आर्टिकल मिला जो 30 अक्टूबर, 2020 को छपा है. दोनों वायरल तस्वीरों में से एक तस्वीर इस लेख में इस्तेमाल की गई है. यहां पर तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है, “निर्माणाधीन काशी विश्वनाथ मंदिर का मुख्य परिसर”. फोटो क्रेडिट हिंदुस्तान टाइम्स को दिया गया है.
असली और वायरल तस्वीर की बारीकी से तुलना करने पर इस बात की पुष्टि होती है कि दोनों तस्वीरें एक ही हैं.
वायरल तस्वीर
ये दोनों वायरल तस्वीरें एक और समाचार वेबसाइट “न्यूज ट्री” पर भी छपी हैं.
काशी विश्वनाथ (KV) कॉरिडोर प्रोजेक्ट
इन खबरों के मुताबिक, वायरल तस्वीरें वाराणसी में चल रही काशी विश्वनाथ (केवी) कोरिडोर परियोजना की हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च, 2019 को इस परियोजना की नींव रखी थी जिसकी लागत करीब 1,000 करोड़ रुपये है. यह परियोजना तकरीब 5 लाख स्क्वायर फीट के एरिया में विकसित की जा रही है, जिसे अगस्त 2021 तक पूरा होना है. परियोजना का मकसद काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तार और सौंदर्यीकरण करना है.
अयोध्या में राम मंदिर की स्थिति
हाल की खबरों के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण अभी भी बातचीत के स्तर पर है. शुक्रवार, 30 अक्टूबर को फैजाबाद के सर्किट हाउस में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक बैठक हुई जिसमें इंजीनियरों और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. समिति मंदिर निर्माण को लेकर विशेषज्ञों की राय ले रही है.
खबरों के मुताबिक, मंदिर समिति राम मंदिर की नींव में तीन पिलर्स की मजबूती के बारे में आईआईटी चेन्नई की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
पड़ताल से साफ है कि वायरल तस्वीरें अयोध्या में राम मंदिर की नहीं, बल्कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ (KV) कोरिडोर परियोजना की हैं.