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फैक्ट चेक: मुस्कुरा रहे शव की ये एडिटेड फोटो संभल हिंसा में मारे गए युवक की नहीं है

सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है. इस फोटो को लेकर लोग दावा कर रहे हैं कि यह संभल हिंसा में जान गंवाने वाले एक युवक का शव है. गौर करने वाली बात ये है कि सफेद चादर में लिपटे इस युवक के चेहरे पर मुस्कान है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये तस्वीर संभल हिंसा में मारे गये एक युवक के शव की है जिसने मुस्कुराते हुए शाही जामा मस्जिद के लिए अपनी जान दे दी.
सच्चाई
ये तस्वीर पुरानी और एडिटेड है. इसका संभल हिंसा में मारे गए लोगों से कोई लेना-देना नहीं है.
फैक्ट चेक ब्यूरो
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के मामले में मुरादाबाद कमिश्नर ने कहा है कि हिंसा में पत्थरबाजी करने वाले 300 से ज्यादा लोगों की पहचान हुई है. इस हिंसा के दौरान संभल में चार लोगों की मौत हो गई थी. 

अब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसे शेयर करते हुए लोग दावा कर रहे हैं कि यह संभल हिंसा में जान गंवाने वाले एक युवक का शव है. गौर करने वाली बात ये है कि सफेद चादर में लिपटे इस युवक के चेहरे पर मुस्कान है. फोटो को शेयर करने वालों का कहना है कि इस आदमी ने खुशी-खुशी संभल की मस्जिद के लिए अपनी जान दे दी. 

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तस्वीर को एक्स पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “Ya Shaheed Assalam. लोगों का सपना होता है हसी ख़ुशी शहीद होना. भाई ने तो अपनी जान मस्जिद के लिए दे दी. ये चहरे का नूर और ख़ुशी बता रही है कि भाई की शहादत क़ुबूल हुई. अल्लाह जन्नत में आला से आला मुकाम अता फ़रमाए, आमीन. #Sambhal #SambhalJamaMasjid” इसका आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये फोटो फर्जी है. साथ ही, इसका संभल हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों से कोई संबंध नहीं है.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें यह ‘pullup4success’ नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिली. यहां इसे 20 अक्टूबर को अपलोड किया गया था. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि संभल हिंसा की शुरुआत 24 नंवबर को हुई थी. यानी एक बात साफ है कि यह तस्वीर संभल हिंसा के पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.

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एक एक्स यूजर ने इस तस्वीर को 15 अक्टूबर को भी पोस्ट किया था. यहां कमेंट्स में एक यूजर ने इसे एडिटेड बताया है और ‘असली तस्वीर’ के साथ इसकी तुलना की है. जिसे असली तस्वीर बताया गया है उसमें युवक मुस्कुरा नहीं रहा. यूजर ने बताया है कि शव के चेहरे पर फोटो एडिटिंग ऐप के स्माइल फिल्टर का इस्तेमाल किया गया है.

इस फोटो को सर्च करने पर हमें ये ‘Kurram Valley’ नाम के फेसबुक पेज के एक पोस्ट में मिली. 13 अक्टूबर के इस पोस्ट में पांच अन्य शवों की तस्वीरें हैं. इन्हीं में से एक वायरल फोटो की मूल तस्वीर है. 

पोस्ट के कैप्शन में पाकिस्तान के कुर्रम इलाके में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच हुई हिंसक झड़प का जिक्र किया गया. इससे संबंधित कीवर्ड सर्च करने पर हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं जिनके मुताबिक पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम इलाके में 12 अक्टूबर को दो जनजातीय गुटों के बीच हुई गोलीबारी और हिंसक झड़प में 11 लोग मारे गए और आठ लोग घायल हो गए. पाकिस्तान के इस इलाके में काफी समय से अशांति फैली हुई है और शिया-सुन्नी गुटों के बीच हिंसक टकराव थमा नहीं रहा है.

हमें दैनिक जागरण की 25 नवंबर की एक रिपोर्ट मिली जिसमें संभल हिंसा में मारे गये चार लोगों के नाम और उनकी तस्वीरें साझा की गयी हैं. इनमें से किसी भी व्यक्ति की तस्वीर वायरल फोटो में दिख रहे युवक से नहीं मिलती है.

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साफ है कि वायरल फोटो पुरानी और एडिटेड है. यह संभवतः पाकिस्तान की है. हालांकि पुख्ता तौर पर हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं. लेकिन इतना स्पष्ट है कि इसका संभल में हुई हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है.

(रिपोर्ट: अभिषेक पाठक)

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