किसानों के आंदोलन से जोड़ कर दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इन तस्वीरों में दो युवा सिख सैनिकों के साथ दो अन्य लोगों को देखा सकता है. एक तस्वीर में एक शख्स एक युवा सिख सैनिक के गालों पर दुलार करते भी नजर आ रहा है. तस्वीरों के साथ दावा किया गया है कि छुट्टी पर आए सैनिक सीधे दिल्ली बॉर्डर पर अपने पिता से मिलने पहुंचें, जहां वो पिछले 75 दिनों से केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वार रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये तस्वीरें दिल्ली में नहीं बल्कि पंजाब के लुधियाना में ली गई हैं.
पोस्ट फेसबुक और ट्विटर पर भी वायरल हैं. कुछ वैरीफाइड ट्विटर हैंडल्स ने भी ऐसी पोस्ट को शेयर किया. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
AFWA जांच
वायरल तस्वीरों को लेकर हमें कहीं कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिल सकी. लेकिन तस्वीरों में दिए गए कुछ संकेतों की मदद से AFWA इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि तस्वीरें लुधियाना की हैं.
वायरल तस्वीरों में एक शख्स के पीछे शिपिंग कंपनी “FedEx” का बोर्ड देखा जा सकता है. एक और तस्वीर में “PARKING BUS STAND” लिखा बोर्ड भी दिख रहा है. हालांकि बोर्ड पर साफ नहीं दिखता लेकिन इसे बारीकी से देखा जाए तो बस स्टैंड के नीचे ‘LUDHIANA’ लिखा देखा जा सकता है. कुछ पंजाबी भाषा में लिखे बोर्ड भी तस्वीर में दिखते हैं.
संबंधित कीवर्ड्स () का इस्तेमाल करने के बाद हमने पाया कि ‘FedEx’ का एक आउटलेट लुधियाना बस स्टैंड के पास सचमुच मौजूद है. AFWA ने इस आउटलेट के मालिक सुरिंदर बंसल से इंटरनेट पर दिए गए फोन नंबर के जरिए संपर्क किया.
बंसल ने हमसे ये पुष्टि करते हुए कहा कि तस्वीरें लुधियाना बस स्टैंड के पास स्थित उनकी दुकान के बाहर की ही हैं. हालांकि बंसल इन तस्वीरों में दिख रहे सैनिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके.
हमारे लुधियाना संवाददाता ने मौके पर जाकर वहां की कुछ तस्वीरें लीं जिससे कि बंसल की जानकारी की पुष्टि हो सके. इन तस्वीरों में ठीक उन्हीं बोर्ड्स को देखा जा सकता है जो वायरल तस्वीरों में दिख रहे हैं.
हमारे पास इस जगह का वीडियो भी मौजूद है जिसमें “PARKING BUS STAND” लिखा बोर्ड देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे वायरल तस्वीरों में मौजूद सैनिकों या दो अन्य लोगों की पहचान की पुष्टि नहीं कर सका लेकिन ये साफ है कि तस्वीरें दिल्ली में नहीं लुधियाना में खींची गईं.
(लुधियाना से मुनीष अत्रे के इनपुट्स के साथ)