महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो चुका है. इस विधेयक के कानून बनने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की जाएंगी.
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पुलिस की वर्दी पहने हुए शख्स एक महिला पर लाठियां बरसा रहा है. कुुछ लोग इस वीडियो को झारखंड के रांची का बता रहे हैं.
कई लोगों का कहना है कि ये वीडियो झारखंड में हुई एक हालिया घटना को दिखाता है. इस घटना का हवाला देते हुए कई लोग झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को बुरा-भला कह रहे हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “झारखंड रांची, अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रही आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ की महिलाओं पर मंगलवार को पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी”.
ट्विटर पर एक अन्य यूजर ने लिखा, “झारखंड रांची. अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रही आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ की महिलाओं पर मंगलवार को पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। महिलाएं जब राजभवन की ओर से मुख्यमंत्री आवास की ओर जा रही थी, ये कैसा महिलाओं का सम्मान.”
ऐसे ही कुछ पोस्ट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.
हमने अपनी जांच में पाया कि ये वीडियो किसी हालिया घटना का नहीं है. ये लगभग चार साल पुराना वीडियो है. उस समय झारखंड में हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ( जेएमएम ) की नहीं बल्कि बीजेपी की सरकार थी.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें 24 सितंबर, 2019 का एक ट्वीट मिला जिसे ऐश्वर्या नाम की एक पत्रकार ने साझा किया था.
ट्वीट में दी गई जानकारी की मदद से हमने जब इस घटना के बारे में और खोजबीन की तो हमें इससे संबधित बहुत सारी न्यूज रिपोर्ट मिलीं जिनमें इसे 24 सितंबर, 2019 का बताया गया है. खबरों के मुताबिक, रांची में राजभवन के पास पुलिस और आंगनवाड़ी सेविका महिलाओं के बीच बहसबाजी हुई. ये महिलाएं अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रही थीं. पुलिस ने कई बार महिलाओं को समझाने की कोशिश की. लेकिन वो पुलिस की बात मानने को तैयार नहीं हुईं. इसी दौरान जबरन घेरा तोड़ कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रही कुछ महिलाओं पर पुलिस ने लाठियां बरसा दीं.
झारखंड में पिछले विधानसभा चुनाव 30 नवंबर से 20 दिसंबर, 2019 के बीच हुए थे. महिलाओं पर पुलिस के लाठियां बरसाने वाली जिस घटना का वीडियो वायरल है, वो चुनावों से पहले सितंबर 2019 में हुई थी. उस वक्त राज्य में बीजेपी के रघुवर दास की सरकार थी.
हमें झारखंड में हाल-फिलहाल में हुई इस तरह की घटना से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली. हमारी पड़ताल से ये बात साबित हो जाती है कि ये घटना पुरानी है.
(रिपोर्ट - आशीष कुमार)