अगर आप सोशल मीडिया पर थोड़े भी एक्टिव हैं तो आपने वंदे भारत एक्सप्रेस की खिड़की के कांच को हथौड़ा मारकर तोड़ रहे व्यक्ति का वीडियो जरूर देखा होगा. इस वीडियो को शेयर करते हुए तमाम सोशल मीडिया यूजर्स गुस्से में कह रहे हैं कि ये कोई मुसलमान है जो ‘रेल जिहाद’ में लगा है.
दरअसल सुपरफास्ट ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी की कई घटनाएं हुई हैं. हाल ही में बिहार के गया में भी वंदे भारत ट्रायल ट्रेन पर पत्थरबाजी की एक घटना हुई है.
एक एक्स यूजर ने वायरल वीडियो शेयर कर लिखा, “ट्रेन जिहाद अपने चरम पे है… वीडियो कहाँ का है ये पता नहीं चल सका है लेकिन आप देख सकते हैं कि ISIS मॉड्यूल का आतंकवादी कैसे "वन्दे भारत" ट्रेन के. शीशे को तोड़कर अपनी साज़िश को अंजाम दे रहा है.. वीडियो को इतना Repost करें कि ये आतंकवादी पकड़ा जाये” इसी तरह के दावों के साथ वीडियो को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सैकड़ों लोग शेयर कर चुके हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो ट्रेन को नुकसान पहुंचाने का नहीं है. बल्कि ये अहमदाबाद के रेलवे मेंटेनेन्स यार्ड का वीडियो है, जहां टूटे कांच को बदलने के लिए तोड़ कर हटाया जा रहा है. काम करने वाला व्यक्ति भी मुस्लिम नहीं है.
कैसे पता चली सच्चाई?
वायरल पोस्ट्स के कमेंट सेक्शन में हमें एक से ज्यादा ऐसे ट्वीट्स दिखे जिसमें कहा गया था कि ये व्यक्ति टूटे कांच को बदलने के लिए उसे हथौड़े से तोड़ रहा है. वीडियो को गौर से देखने पर कांच के एकदम नीचे वाले हिस्से में एक दरार भी देखी जा सकती है.
“ट्रेन्स ऑफ इंडिया” नाम के एक एक्स अकाउंट ने वंदे भारत ट्रेन के कांच बदलने का एक दूसरा वीडियो अपलोड किया और बताया कि वंदे भारत के टूटे हुए शीशे को इसी तरह से बदला जाता है. हमें ऐसे कई यूट्यूब वीडियो भी मिले जिनमें वंदे भारत के कांच को हथौड़े से तोड़ कर बदला जा रहा है.
कौन है कांच तोड़ने वाला व्यक्ति?
इस वीडियो को सच्चाई जानने के लिए हमने इसके अलग-अलग कीफ्रेम्स को इंटरनेट पर खोजा. हमें इंस्टाग्राम पर @singare_mahi_manish के नाम से एक अकाउंट मिला जिसमें हूबहू यही शर्ट पहने, ऐसी ही कद काठी वाले व्यक्ति ने कई और वीडियो अपलोड किये थे. खास बात ये कि इनमें से कई वीडियो वंदे भारत ट्रेन के संबंध में थे. वायरल वीडियो में शीशा तोड़ रहे लड़के का चेहरा तो नहीं दिखता लेकिन एक पल के लिए बगल से ये जरूर दिखता है कि उसकी दाढ़ी है. ठीक वही शर्ट, वैसी ही कद-काठी, चेहरे पे दाढ़ी और वंदे भारत से जुड़े वीडियो देख कर हमें लगा कि इस व्यक्ति का वायरल वीडियो से कोई संबंध हो सकता है और हमने इसके बारे में और जानकारी जुटाई.
हमने पाया कि ये व्यक्ति डांस की रील बना कर भी इंस्टाग्राम पर अपलोड करता है. उसके कुछ पोस्ट में हमें गुजराती पोस्टर भी दिखे. अकाउंट में इसका नाम ‘सिंगर मनीष’ लिखा है.हमने इस अकाउंट के जरिये मनीष के कई दोस्तों से संपर्क करने की कोशिश की. उनमें से एक ने इस बात की पुष्टि की कि मनीष सचमुच अहमदाबाद में रेलवे मेंटेनेन्स का काम करने वाली एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है.
उसी दोस्त ने बताया कि मनीष बिहार के आरा जिले में उसी के गांव का रहने वाला है. चेहरा नहीं दिखने के बावजूद दोस्त ने कहा कि वो पहचान सकता है कि ये लड़का उसका दोस्त मनीष ही है और उसे पता है कि वो अहमदाबाद में वंदे भारत ट्रेन की टूटी खिड़कियों की मरम्मत करने का काम करता है.
रेलवे के अधिकारियों ने पहले कहा था कि ये घटना कहां की है और ये व्यक्ति कौन है, इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. लेकिन जब हमने मनीष के बारे में पूरी जानकारी के साथ उनसे दोबारा संपर्क किया तो रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि कर दी कि घटना वाकई अहमदाबाद की है. उन्होंने बताया कि ये वीडियो कांकरिया स्थित एकीकृत कोचिंग डिपो में अहमदाबाद-मुंबई वंदे भारत के इन्स्पेक्शन के दौरान का है. उनके मुताबिक ये वीडियो 5-6 दिन पहले का है.
रेलवे अधिकारियों ने ये भी बताया कि खिड़की के शीशे को बदलने के लिए ही तोड़ा जा रहा है. इस बात की भी पुष्टि हो गई कि इस व्यक्ति का नाम मनीष कुमार गुप्ता है, जो रेलवे के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली एक कंपनी का कर्मचारी है. मनीष ने ये वीडियो पहले खुद ही शेयर किया था लेकिन बवाल मचने के बाद उसने अपने अकाउंट से ये वीडियो डिलीट कर दिया था.
हमारी बात मनीष गुप्ता से भी हुई. उन्होंने इतनी बात तो मान ली कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति वही हैं. मगर उन्होंने कहा कि उनके अधिकारियों ने उन्हें इस बारे में बात करने से मना किया है.
साफ है, कि रेलवे के मेंटेनेन्स यार्ड में वंदे भारत का कांच बदलने वाले वीडियो को ट्रेन पर हमले और रेल जिहाद के फर्जी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.