बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा की घटनाओं के बीच सोशल मीडिया पर एक भावुक कर देने वाली फोटो तेजी से वायरल हो रही है. इस फोटो में एक महिला एक हाथ से बच्चे को पीठ पर लादे और दूसरे हाथ में कुछ थैलियां पकड़े सड़क पर चल रही है. साथ ही, पिट्ठू बैग टांगे हुए कुछ पुरुष भी दिख रहे हैं. कई लोग ‘#ममता_खूनी_है’ जैसे हैशटैग के साथ इस फोटो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि इसमें दिख रहे लोग बंगाल से असम की ओर जाते हिंदू हैं.
एक फेसबुक यूजर ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा, “जिनको जानकारी नहीं है बंगाल की ग्राउंड रिपोर्ट बता देता हूं. वहां से हिंदुओं ने आसाम के लिए पलायन शुरु कर दिया है कश्मीर देखने का मौका नहीं मिला, बंगाल देख लो.”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल फोटो बंगाल से असम की ओर पलायन करते हिंदुओं की नहीं है. ये फोटो पिछले साल दिल्ली-यूपी बाॅर्डर के पास खींची गई थी जब संपूर्ण लॉकडाउन लगाए जाने पर देश भर से प्रवासी मजदूर पैदल अपने घरों की ओर निकल पड़े थे. हालांकि, ये बात सच है कि पिछले कुछ दिनों में बंगाल के कुछ भाजपा नेताओं और उनके समर्थकों ने असम की ओर पलायन किया है.
ट्विटर पर भी कई लोग इस फोटो को बंगाल से असम की ओर पलायन करते हिंदुओं की तस्वीर बता कर शेयर कर रहे हैं.
क्या है सच्चाई
हमें पता चला कि वायरल फोटो का बंगाल में हुई हिंसा की हालिया घटनाओं से कोई ताल्लुक नहीं है, बल्कि ये दिल्ली के एक फोटो जर्नलिस्ट ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान खींची थी.
रिवर्स सर्च करने पर ये फोटो हमें ‘downtoearth’ नाम की वेबसाइट पर मिली. यहां इस फोटो के साथ अंग्रेजी भाषा में कैप्शन में लिखा है जिसका हिंदी अनुवाद है, ‘लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के एक फ्लाईओवर से होकर गुजरते प्रवासी’. साथ ही, ये भी लिखा है कि इस फोटो को क्लिक करने वाले फोटोग्राफर का नाम विकास चौधरी है.
हमने विकास चौधरी से संपर्क किया और उन्हें वायरल फोटो भेजी. ‘आजतक’ से बात करते हुए उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि ये उन्हीं की खींची हुई फोटो है और पिछले साल की है. विकास दिल्ली के फोटोजर्नलिस्ट हैं और ‘downtoearth’ मैग्जीन से जुड़े हैं. उन्होंने बताया, “ये फोटो मैंने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान एन-एच 24 हाईवे पर दिल्ली-यूपी बॉर्डर के पास खींची थी. जिस तरह से लोग इसे गलत संदर्भ में पेश कर रहे हैं, उसे देखकर मैं हैरान हूं.”
हाल ही में असम के मंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्व सरमा ने 4 मई 2021 को एक ट्वीट के जरिये दावा किया था कि बंगाल में हुई हिंसा की घटनाओं के कारण करीब 300-400 बीजेपी कार्यकर्ता अपने परिवार समेत असम की तरफ आए हैं. उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि ये बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लोकतंत्र का नंगा नाच है और उन्हें इसे बंद करना चाहिए.
‘आज तक’ के अलीपुरद्वार संवाददाता आशिम दत्ता ने हमें बताया कि पिछले कुछ दिनों में भाजपा के समर्थक कई हिंदू परिवार असम गए हैं. इनमें से ज्यादातर परिवार कोच बिहार और अलीपुरद्वार जिलों के हैं.
पड़ताल से ये बात साफ हो जाती है कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में खींची गई प्रवासी मजदूरों के पलायन से जुड़ी एक फोटो को बंगाल की हालिया हिंसक घटनाओं से जोड़कर पेश किया जा रहा है.