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फैक्ट चेक: यूपी के हरदोई में हमास समर्थकों की गिरफ्तारी नहीं दिखाता ये वीडियो, इसकी कहानी कुछ और है    

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जंग को तीन हफ्ते पूरे हो चुके हैं और अभी इसके थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. इस बीच फिलिस्तीन के समर्थन में भारत सहित दुनियाभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो हमास समर्थकों का है और यूपी के हरदोई से है. जानिए क्या है सच्चाई-

आजतक फैक्ट चेक

दावा
हरदोई में हमास के आतंकियों का समर्थन कर रहे इस्लामिक कट्टरपंथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
सच्चाई
हरदोई में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. यह जून, 2022 में दिल्ली में हुए एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो है.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST

भारत में कई जगहों पर फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हो चुके हैं. कुछ मामलों में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई भी की है. इसी संदर्भ में अब सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का बताकर एक वीडियो  वायरल हो गया है.

वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी, कुछ लोगों को एक बस में जबरन बैठाते हुए नजर आ रहे है. लोगों में कुछ महिलाएं भी है, जिन्हें पुलिस काबू में करने की कोशिश कर रही है. वीडियो किसी विरोध प्रदर्शन का लग रहा है.

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इस वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि यूपी के हरदोई में हमास के आतंकियों का समर्थन कर रहे इस्लामिक कट्टरपंथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस दावे के साथ यह वीडियो फेसबुक  और ट्विटर  पर काफी वायरल है. ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आज तक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो न तो हरदोई का है और न ही इसका इजरायल-हमास के बीच चल रहे टकराव से कोई संबंध है. यह जून 2022 में दिल्ली में हुए एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो है.

कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें ये वीडियो 'प्रोकेरला' नाम की वेबसाइट में छपी एक खबर में मिला. यह खबर 13 जून, 2022 को दिल्ली में उत्तर प्रदेश भवन के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के बारे में है. यह प्रदर्शन जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने यूपी में उस समय हुई बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ किया था.

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इस खबर में कुछ तस्वीरें मौजूद हैं जिनमें महिला पुलिसकर्मी दो लड़कियों को जबरन पकड़े नजर आ रही हैं. गौर करने वाली बात यह है कि इन लड़कियों में से एक ने जो स्कार्फ पहना है उसी तरह का स्कार्फ पहने लड़की वायरल वीडियो में भी दिख रही है.

इसके बारे में थोड़ी और खोजबीन करने पर हमें मीडिया संस्था "TRT World" का 13 जून, 2022 का एक फेसबुक पोस्ट मिला. इस पोस्ट में वायरल वीडियो मौजूद है. साथ ही, बताया गया है कि मुसलमानों के घरों को गिराए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम छात्रों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था.

 

अल-जजीरा ने भी 14 जून, 2022 को ये वीडियो फेसबुक  पर पोस्ट किया था. दरअसल, यूपी के प्रयागराज में प्रशासन ने जेएनयू की छात्रा रही आफरीन फातिमा के घर पर बुलडोजर चला दिया था. आफरीन के पिता जावेद पर आरोप था कि उन्होंने प्रयागराज में उस समय हुई हिंसा की प्लानिंग की थी.

प्रयागराज में ये हिंसा पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयान के बाद भड़की थी. फातिमा का घर गिराए जाने के विरोध में दिल्ली में जेएनयू और जामिया के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था. दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश भवन के बाहर भी प्रदर्शन हुए थे और पुलिस ने छात्रों को हिरासत में ले लिया था.

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इस प्रदर्शन की तस्वीरें 13 जून, 2022 को आयशा रेन्ना नाम की जामिया मिलिया की छात्रा ने भी फेसबुक पर पोस्ट की थीं. आयशा और उनकी सहपाठी लदीदी फरजाना, 2019 में नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान भी काफी चर्चा में आईं थीं.

वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे का खंडन हरदोई पुलिस ने भी ट्विटर पर किया है. पुलिस ने लिखा है कि हरदोई में इस प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं हुआ और न ही ऐसी कोई गिरफ्तारी की गई है.

इस तरह हमारी जांच में स्पष्ट हो जाता है कि विरोध प्रदर्शन का यह वीडियो हरदोई का नहीं बल्कि दिल्ली में हुई एक पुरानी घटना का है. 

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