मुबंई के मीरा रोड इलाके में भड़की सांप्रदायिक हिंसा से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर पुलिस की पिटाई का एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि मीरा रोड में दंगा करने वाले उपद्रवियों का मुबंई पुलिस क्या हाल कर रही है ये इस वीडियो में देखा जा सकता है.
वीडियो की शुरुआत में एक दर्जन से ज्यादा लोग किसी लॉकअप में दिखते हैं. इसके बाद सलाखों के पीछे एक कतार में कुछ लोग खड़े दिखाई देते हैं. इन लोगों को एक पुलिसकर्मी इतनी बुरी तरह से डंडे से पीट रहा है जिसे देखकर किसी की भी रूह कांप जाए.
मीरा रोड हिंसा की चर्चा के बीच इस वीडियो को एक्स , फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर किया जा रहा है. साथ ही, लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, “मीरा रोड वालों को अब समझ आया होगा शायद, वैसे तो गीदड़ों की तरह झुंड में दंगा कर लेते हैं, जब डंडे पड़ते हैं तो मोये मोये हो जाती है”. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
बता दें कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक दिन पहले मुंबई के मीरा रोड में दो गुटों के बीच सांप्रदायिक टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी. ये सारा विवाद एक जुलूस पर हुए कथित पथराव के बाद शुरू हुआ. मामले में पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का मीरा रोड हिंसा से कुछ लेना-देना नहीं है. ये वीडियो जून 2022 में यूपी के सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद वायरल हुआ था.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें पता चला कि इसे जून 2022 में भी शेयर किया गया था. यानि कि ये बात यहीं साबित हो जाती है कि वीडियो अभी का नहीं बल्कि एक साल से ज्यादा पुराना है.
इसके अलावा, यांडेक्स सर्च इंजन की मदद से सर्च करने पर हमें “लल्लनटॉप” की एक रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो की दोनों क्लिप्स के स्क्रीनशॉट्स मौजूद हैं. 15 जून, 2022 की इस खबर में बताया गया है कि निष्कासित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा को लेकर हुए विवाद के बाद सहारनपुर में हिंसा भड़क उठी थी.
हिंसा करने के आरोप में पुलिस ने 48 लोगों को पकड़ा था और इसी के बाद ये वीडियो वायरल हुआ था. उस वक्त कई लोगों का कहना था कि ये सहारनपुर कोतवाली का वीडियो है जहां हिंसा के आरोपियों को पुलिस ने बेरहमी से पीटा. आरोपियों के साथ हुई इस हैवानियत की वजह से सहारनपुर पुलिस की किरकिरी होने लगी थी. लेकिन सहारनपुर पुलिस ने इस बात से इंकार कर दिया था कि ये सहारनपुर का वीडियो है.
इसके बाद “एनडीटीवी” सहित कुछ मीडिया संस्थाओं ने जब आरोपियों के घरवालों से बात की थी, तो उन्होंने इन वीडियोज में दिख रहे अपने बच्चों की पहचान कर ली थी.
खबरों के अनुसार, पुलिस ने भी इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें वही लोग दिख रहे हैं जिन्हें वायरल वीडियो में पीटा जा रहा है. इसके बाद ये कहा जाने लगा था कि वीडियो सहारनपुर थाने का ही है. इसे देखते हुए पुलिस की दोबारा किरकिरी हुई थी और फिर मामले की जांच के आदेश दिए गए थे.
“द वायर” की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में दिखे आठ लोगों को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था.