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फैक्ट चेक: ट्रैक्टर रैली के दौरान लाठीचार्ज में घायल नहीं हुआ ये शख्स, डेढ़ साल पुरानी हैं ये तस्वीरें

सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें एक व्यक्ति की पीठ पर गहरे चोट के निशान देखे जा सकते हैं. ऐसा लग रहा है कि व्यक्ति को लाठी या बेल्ट से बुरी तरह पीटा गया है. तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में ये प्रर्दशनकारी बुरी तरह जख्मी हुआ है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
तस्वीरों में दिख रहा प्रर्दशनकारी 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई पुलिस लाठीचार्ज में जख्मी हुआ है.
सच्चाई
ये तस्वीरें जून 2019 की हैं जब दिल्ली के मुखर्जी नगर में कुछ पुलिसकर्मियों और एक सिख टेंपो ड्राइवर के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें पुलिसवालों ने ड्राइवर की जमकर पिटाई की थी.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली ,
  • 27 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:56 PM IST

दो महीने से चल रहा किसान आंदोलन ने 26 जनवरी को हिंसक हो गया. ट्रैक्टर रैली की आड़ में प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुस गए और लाल किले सहित कई जगहों पर हुड़दंग मचाया. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए, वहीं एक किसान की मौत की खबर भी आई. प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा.

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अब इसी से जोड़कर सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें एक व्यक्ति की पीठ पर गहरे चोट के निशान देखे जा सकते हैं. ऐसा लग रहा है कि व्यक्ति को लाठी या बेल्ट से बुरी तरह पीटा गया है. तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में ये प्रर्दशनकारी बुरी तरह जख्मी हुआ है.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये तस्वीरें जून 2019 की हैं जब दिल्ली के मुखर्जी नगर में कुछ पुलिसकर्मियों की एक सिख टेंपो ड्राइवर के साथ झड़प हो गई थी, जिसमें पुलिसवालों ने ड्राइवर की जमकर पिटाई की थी.  

इस तस्वीर को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स अंग्रेजी में एक कैप्शन लिख रहे हैं जिसका अनुवाद कुछ इस तरह से है, "ट्रैक्टर रैली में हुई पुलिस लाठीचार्ज में एक प्रदर्शनकारी बुरी तरह घायल हुआ." फेसबुक पर और भी कुछ लोगों ने इस भ्रामक पोस्ट को शेयर किया है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

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क्या है सच्चाई?

तस्वीरों को रिवर्स सर्च करने पर पता चला कि कई लोगों ने इन तस्वीरों को जून 2019 में शेयर किया था. आम आदमी पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अंकित लाल ने भी इस घायल शख्स के तस्वीरों को ट्वीट करते हुए दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा था.

उस समय एबीपी न्यूज सहित कुछ अन्य मीडिया संस्थानों ने भी इस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए खबर छापी थी.

इन खबरों के मुताबिक, 16 जून 2019 को सरबजीत नाम के एक टेंपो ड्राइवर और दिल्ली पुलिस की गाड़ियों में टक्कर हो गई थी. इसके बाद सरबजीत और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे. वीडियो में पुलिसकर्मी सरबजीत को बुरी तरह पीटते हुए दिख रहे हैं. 

इस मामले में दिल्ली पुलिस का कहना था कि पहले टेंपो ड्राइवर ने कृपाण से एक पुलिसकर्मी के सिर पर हमला किया था. ड्राइवर की बेरहमी से की गई पिटाई को लेकर काफी बवाल हुआ था जिसके बाद तीन पुलिसकर्मियों को ‘गैर पेशेवर आचरण’ के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था. कुछ दिनों बाद ये खबर भी आई थी कि टेंपों ड्राइवर सरबजीत पर अप्रैल 2019 में मारपीट के अन्य मामले भी दर्ज हुए थे.

यहां ये साबित हो जाता है कि वायरल तस्वीरें डेढ़ साल से ज्यादा पुरानी हैं और इनका 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है.

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