सोशल मीडिया पर वायरल एक दस्तावेज पर अगर यकीन करें तो कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में हिंदू समुदाय से एक भी जिला अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की. यूपी कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल है और इसके साथ दावा किया जा रहा है कि इसमें सभी नाम सिर्फ मुस्लिम समुदाय से हैं.
अंग्रेजी कैप्शन के साथ ये लिस्ट सोशल मीडिया पर घूम रही है, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह होगा, “कांग्रेस का नाम अब इंडियन मुस्लिम लीग कर दिया जाना चाहिए… क्योंकि राष्ट्र को फिर से विभाजित करने की साजिश रची जा रही है….”
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज रूम वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये दावा भ्रामक है. वायरल हो रही लिस्ट उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्षों की है जिन्हें दिसंबर 2020 में नियुक्त किया गया था. इसलिए इस लिस्ट के सभी नाम मुस्लिम/अल्पसंख्यक हैं.
ये भ्रामक पोस्ट फेसबुक और टि्वटर पर खूब वायरल है. यही लिस्ट दिसंबर 2020 में हिंदी कैप्शन के साथ वायरल हुई थी.
पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
AFWA की पड़ताल
कुछ कीवर्ड्स सर्च की मदद से हमने पाया कि यही लिस्ट 9 दिसंबर, 2020 को "INC Sandesh" के ट्विटर हैंडल से अपलोड की गई थी. इस ट्वीट के कैप्शन के अनुसार, ये नाम उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग में नियुक्त हुए लोगों के हैं.
उस वक्त न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी यूपी कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के लिए इन जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों के बारे में ट्वीट किया था.
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व नेशनल कोऑर्डिनेटर साद सिद्दीकी ने AFWA को बताया, “जाहिर है कि कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के लिए जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक समुदाय से ही होगा, न कि बहुसंख्यक (हिंदू) समुदाय से.”
हमने ये भी पाया कि भारतीय जनता पार्टी की गोवा इकाई ने हाल ही में "भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा" की राज्य कार्यकारी समिति की घोषणा की और इसके सदस्यों के नामों की सूची ट्वीट की. इस लिस्ट में भी सभी सदस्य मुस्लिम/अल्पसंख्यक हैं.
इस तरह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है. कांग्रेस ने यूपी में जिला अध्यक्ष पद के लिए वास्तव में सिर्फ मुस्लिमों या अल्पसंख्यकों को नियुक्त किया था, लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि ये नियुक्तियां अल्पसंख्यक विभाग के लिए हुई थीं.