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फैक्ट चेक: इस्लामिक प्रार्थना करतीं ममता की पुरानी क्लिप नेताजी के जयंती समारोह से जोड़कर वायरल

बंगाल बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक लोकल न्यूज चैनल की वीडियो क्लिप पोस्ट की गई जिसमें ममता बनर्जी को इस्लामिक प्रार्थना करते हुए दिखाया गया.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ममता बनर्जी एक सरकारी कार्यक्रम में इस्लामिक प्रार्थना पढ़ सकती हैं, लेकिन “जय श्री राम” का नारा लगाने से उन्हें परेशानी है. उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जयंती समारोह में उनकी विरासत का अपमान किया है.
सच्चाई
वायरल वीडियो तीन साल पुराना है जब एक आयोजन में ममता ने इस्लामिक प्रार्थना के साथ-साथ हिंदू, ईसाई और सिख प्रार्थनाओं का भी पाठ किया था. हालांकि, शनिवार को कोलकाता में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में “जय श्री राम” का नारा लगने के बाद उन्होंने स्पीच देने से इनकार कर दिया था.
चयन कुंडू
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:02 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते शनिवार कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में उस वक्त बोलने से इनकार कर दिया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भीड़ ने "जय श्रीराम" का नारा लगाया. 

इस घटना के एक दिन बाद बंगाल बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक लोकल न्यूज चैनल की वीडियो क्लिप पोस्ट की गई जिसमें ममता बनर्जी को इस्लामिक प्रार्थना करते हुए दिखाया गया. पोस्ट के साथ अंग्रेजी में कैप्शन लिखा गया, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है, “अगर सीएम ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल सरकार के कार्यक्रम में इस्लामिक प्रार्थना कर सकती हैं तो उन्हें जय श्री राम बोलने में दिक्कत क्यों होती है? तुष्टीकरण? उन्होंने बंगाल को कलंकित किया और नेताजी की जयंती के मौके पर अपने आचरण से उनकी विरासत का अपमान किया.” 

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12 सेकेंड का ये वीडियो ऐसे ही दावे के साथ कई फेसबुक यूजर्स ने पोस्ट किया है. 

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल क्लि‍प तीन साल पुरानी है. उस कार्यक्रम में ममता ने इस्लामिक प्रार्थना की थी, लेकिन साथ में उन्होंने हिंदू, ईसाई और सिख प्रार्थनाएं भी की थीं.

कुछ वायरल पोस्ट के आर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

क्या है इस क्लि‍प की असली कहानी

बीजेपी की ओर से ये वीडियो ट्वीट करने के बाद कई यूजर्स ने इस वीडियो का लंबा वर्जन पोस्ट करते हुए जवाब दिया कि वायरल क्लिप अधूरी है और 2018 की है. लंबी क्लिप में हमने पाया कि लोकल चैनल ने ऑन-स्क्रीन ग्राफिक्स में इस बात का जिक्र किया है कि ये वीडियो ‘माटी उत्सव’ कार्यक्रम का है जो बर्धमान जिले में आयोजित किया गया था.

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इस वीडियो से सुराग लेते हुए हमने सर्च किया तो हमें इस घटना पूरा वीडियो मिला जो “AITC official” नाम के यूट्यूब चैनल पर 2 जनवरी, 2018 को अपलोड किया था. यहां पर वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है, “माटी तीर्थ-कृषि‍ कथा, पूर्वी बर्धमान में बंगाल की मुख्यमंत्री ने माटी उत्सव 2018 का उद्घाटन किया.” इस यूट्यूब चैनल ने 25 मिनट के इस पूरे वीडियो के लिए लोकल बंगाली चैनल “CN News” को क्रेडिट दिया है.

वीडियो में 21.28 मिनट के बाद ममता सभी के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं. इस दौरान उन्हें हिंदू देवी दुर्गा के लिए एक मंत्र "सर्व मंगल मांगल्लये" और फिर "अल्लाह" की प्रार्थना करते हुए सुना जा सकता है.

इसके बाद वे  ईश्वर से “सभी के लिए आशीर्वाद” मांगते हुए कहती हैं “वाहे गुरु जी दा खालसा, वाहे गुरु दी फतह”. इस कार्यक्रम के अंत में उन्होंने “सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा” भी कहा.

 

माटी उत्सव बंगाल सरकार की ओर से किसानों को पुरस्कृत करने के लिए 2013 में शुरू किया गया था.

इस तरह, ये साबित होता है कि ममता बनर्जी की 12 सेकेंड की जो क्लि‍प वायरल हो रही है, उसे एक 25 मिनट के लंबे वीडियो से निकाला गया है और गलत संदर्भ में पेश किया गया है. यही क्लि‍प 2019 में भी गलत दावे के साथ वायरल हुई थी. उस वक्त भी फैक्ट चेक करने वाले मीडिया संस्थानों ने इसकी सच्चाई बताई थी.

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