सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मस्जिद जैसे दिख रहे एक ढांचे को बुलडोजर से गिराते हुए देखा जा सकता है. वीडियो को शेयर करने वालों का कहना है कि ये उत्तराखंड का है. वीडियो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा है, “देवभूमि उत्तराखंड से सुकून वाला विडियो प्राप्त हुआ.” पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो इंडोनेशिया के हिबिस्क फैंटेसी पार्क का है. इसका उत्तराखंड से कोई लेना-देना नहीं है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल पोस्ट के कमेंट्स में कई लोगोंं ने इस वीडियो को इंडोनेशिया का बताया है. वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें मार्च 2025 में यूट्यूब पर अपलोड हुए ऐसे कई वीडियो मिले जिनमें क्रेन की मदद से एक ढांचे को गिराते हुए देखा जा सकता है. देखने में ये ढांचा वायरल वीडियो में दिख रही इमारत जैसा ही नजर आ रहा है. इन यूट्यूब वीडियो के साथ बताया गया है कि ये इंडोनेशिया के पश्चिमी जावा में स्थित हिबिस्क फैंटेसी पार्क है.
हमने वायरल वीडियो की तुलना इंडोनेशिया के हिबिस्क फैंटेसी पार्क के वीडियो से की. दोनों वीडियोज में कई समानताएं हैं. इससे ये साबित होता है कि वायरल वीडियो इंडोनेशिया के इसी पार्क का है.
कीवर्ड सर्च करने पर हमें इस घटना से जुड़ी कई इंडोनेशियाई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें बताया गया है कि हिबिस्क फैंटेसी पार्क को केवल 4,800 वर्ग मीटर भूमि में बनाने की अनुमति दी गई थी. लेकिन ये पार्क 15,000 वर्ग मीटर तक फैल चुका था. इंडोनेशियाई अखबार Kompas की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पार्क के संचालकों को शुरूआत से ही नियमों का उल्लंघन करने को लेकर चेतावनी दी गई थी.
अवैध निर्माण के कारण पश्चिमी जावा के बोगोर इलाके में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया था. पर्यावरण व भूमि संबंधी अनुमति में उल्लंघन, निर्धारित सीमा से अधिक निर्माण और इमारतों की ऊंचाई अनुमति से ज्यादा होने के कारण पश्चिमी जावा के गवर्नर डेडी मुल्यादी ने 6 मार्च 2025 को हिबिस्क फैंटेसी पार्क को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे.
हालांकि, हमें 2024 की ऐसी कई खबरें मिलीं जिनमें बताया गया है कि उत्तराखंड प्रशासन ने कई अवैध मस्जिदों पर कार्रवाई की थी और इन्हें गिरा दिया था. लेकिन वायरल वीडियो ऐसी किसी कार्रवाई का नहीं है.