सोशल मीडिया पर बाइकर्स की सड़क पर कुछ लोगों के साथ होती बहस का एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है. इसे शेयर करने वालों का दावा है कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल का है और बाइकसवारों से बहस करते लोग “बांग्लादेशी घुसपैठिये” हैं जो खुलेआम वहां के नागरिकों से वसूली कर रहे हैं.
वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स ममता बनर्जी पर सवाल उठा रहे हैं. वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा है,“पश्चिम बंगाल में अब बांग्लादेशी घुसपैठिये खुलेआम नागरिकों को रोक कर वसूली करने लगे हैं. इसमें स्थानीय राजनैतिक दल और पुलिस का उन्हें पूरा सहयोग मिलता है. जब तक बंगाल में ममता बानो का राज है, बंगाल के नागरिकों विशेष कर हिन्दुओं के लिए नर्क बना हुआ है, इसके लिए इस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करके इन जिहादियों का ठीक से आपरेशन नहीं किया गया तब तक कुछ नहीं होने वाला है”
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वीडियो में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. ये पश्चिम बंगाल के मालदा जिले की घटना है जिसमें मुस्लिम बाइकसवारों को स्थानीय लोगों ने बाइक तेज चलाने और लोगों की जान खतरे में डालने के लिए रोका था.
कैसे पता चली सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च के जरिये खोजने पर हमें इसका बड़ा वर्जन एक यूट्यूब चैनल पर मिला. Pradhan Rider 0.1 नाम के चैनल पर ये वीडियो जुलाई 2024 में अपलोड किया गया था. वायरल क्लिप को इस वीडियो में 10 मिनट के मार्क पर देखा जा सकता है.
पूरा वीडियो देखने पर हमें पता चला कि बाइक चला रहे लोगों को सड़क पर रोकने वाले लोग बाइक तेज चलाने की वजह से डाँट रहे थे. बांग्ला में बहस करते हुए वो कह रहे थे कि यहां मोड़ है, यहां इतनी तेज बाइक क्यों चला रहे हो. इस चैनल पर बाइक चलाते हुए बनाए गए और भी व्लॉग मौजूद हैं.
इसके बाद हमने इस यूट्यूब चैनल को चलाने वाले व्यक्ति से संपर्क किया. ये चैनल 19 साल के अब्दुल सोहेल चलाते हैं. अब्दुल ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा, “ये वीडियो मैंने जून में रिकॉर्ड किया था. ये घटना मालदा जिले के होबीनगर की है. हमें स्थानीय लोगों ने रोक कर डांटा था क्योंकि हम तेज बाइक चला रहे थे.”
सोहेल ने बताया कि जिस सड़क की ये घटना है वो एक नया हाईवे था, जिसपर कई बाइकर स्टंट और रेस करने के लिए जाते हैं. स्थानीय लोगों को ये बात पसंद नहीं थी इसलिए उन्होंने सोहेल और उनके दोस्तों को रोका था. सोहेल ने ये भी कहा कि वायरल वीडियो वाली घटना से एक दिन पहले ही स्थानीय लोगों की कुछ अन्य बाइकसवारों से बहस हुई थी.
वायरल दावों के बारे में बात करते हुए सोहेल ने कहा, “जो कहा जा रहा है वो सही नहीं है. मैं मुस्लिम हूँ और और मेरे साथ बाइक चलाने वाले भी मुस्लिम हैं, उनके नाम मासूम और शमीम हैं. जहां ये घटना हुई वो इलाका भी मुस्लिम बहुल है. उन लोगों ने हमसे कोई पैसे की वसूली नहीं की, वो सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित थे.”
सोहेल ने बताया वो मालदा के चांचल में रहते हैं, घटना वाली जगह उनके घर से करीब सात किलोमीटर दूर है. उन्होंने ये भी कहा कि जिस चाय की दुकान वाले शख्स ने उनको रोका था वो अभी भी उस दुकान के पास से गुजरते हैं.
साफ है, मालदा में तेज रफ्तार बाइक चलाने को लेकर हुई बहसबाजी को फर्जी सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.