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फैक्ट चेक: गुजरात में पुलिस और भीड़ के बीच हुए टकराव का वीडियो दिल्ली का बताकर किया जा रहा शेयर

सोशल मीडिया पर किसी पुलिस स्टेशन के सामने मची भगदड़ और चीख-पुकार का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुलिस वाले, लोगों पर लाठियां चलाते भी दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो का आजतक की टीम ने फैक्ट चेक किया है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
पुलिस और भीड़ के बीच टकराव की ये घटना 27 जनवरी, 2025 को दिल्ली में हुई थी.
सच्चाई
ये घटना 6 जनवरी, 2025 को गुजरात के राजकोट जिले में हुई थी, न कि दिल्ली में.
ज्योति द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:11 PM IST

किसी पुलिस स्टेशन के सामने मची भगदड़ और चीख-पुकार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसमें कुछ पुलिसवाले, कुछ लोगों पर लाठियां चलाते भी दिख रहे हैं. साथ ही, सिविल कपड़े पहने हुए कुछ लोगों के हाथों में भी लाठियां दिख रही हैं. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को दिल्ली में हुई हालिया घटना का बता रहे हैं.

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मिसाल के तौर पर, इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहे इस वीडियो पर लिखा है- "आज सुबह" और "दिल्ली में हुआ सबसे बड़ा हादसा". साथ ही, इस पर 27 जनवरी, 2025 की तारीख भी लिखी है. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये 6 जनवरी, 2025 को गुजरात के राजकोट जिले में हुई एक घटना का वीडियो है, न कि दिल्ली का.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

हमने देखा कि वायरल वीडियो पर '@samnagujarat' का वॉटरमार्क है. इसके बारे में सर्च करने पर हमें इसी नाम का एक इंस्टाग्राम अकाउंट मिला. यहां वायरल वीडियो 6 जनवरी 2025 को शेयर किया गया था. गुजराती भाषा में लिखे कैप्शन के मुताबिक ये गुजरात के राजकोट का वीडियो है.

इस जानकारी की मदद से सर्च करने पर हमें इस घटना से जुड़ी कई ऐसी न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें इस घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है.

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गुजराती जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सारा बवाल घनश्याम राजपरा नामक व्यक्ति की हत्या के मामले को लेकर हुआ था. घनश्याम राजकोट की विंछिया तहसील के थोरियाली गांव के रहने वाले थे और 30 दिसंबर को उनकी दुश्मनी के चलते हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोप में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी.

6 जनवरी को इन सभी आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाकर हत्या का सीन री-क्रिएट करने की कोशिश की गई. इसी बीच वहां कोली समुदाय के करीब 1500 लोग इकट्ठा हो गए और ये मांग करने लगे कि इन आरोपियों की विंछिया में परेड निकलवाई जाए. पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की पर बात नहीं बनी. कुछ लोग पुलिस स्टेशन पर पत्थर फेंकने लगे. इस दौरान कम से कम छह पुलिसवाले घायल हो गए और तीन पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचा. स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया था.

'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में 52 लोगों को हिरासत में लिया गया था.

हमने इस बारे में आजतक के राजकोट संवाददाता रोनक मजीठिया से भी बातचीत की. उन्होंने बताया कि ये घटना राजकोट के विंछिया पुलिस स्टेशन के सामने हुई थी.

हमने गूगल मैप्स पर इस पुलिस स्टेशन की स्ट्रीट व्यू ">इमेज देखी. स्ट्रीट व्यू इमेज की वायरल वीडियो से तुलना करने पर भी ये स्पष्ट होता है कि दोनों जगहें एक ही हैं.

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हमें हाल-फिलहाल में दिल्ली में हुई ऐसी किसी घटना की कोई विश्वसनीय खबर नहीं मिली. साफ है, गुजरात के राजकोट में हुई एक घटना को दिल्ली का बताकर शेयर किया जा रहा है.

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