Advertisement

फैक्ट चेक: बांग्लादेश में दरगाह में तोड़फोड़ का वीडियो मंदिर पर हुए हमले का बताकर किया जा रहा शेयर

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें लोगों की भारी भीड़ डंडे-लाठी लेकर किसी इमारत में तोड़फोड़ कर रही है. यहां मौजूद कई लोगों ने सिर पर सफेद टोपी पहनी है. वीडियो शेयर करने वालों की मानें तो इसमें बांग्लादेशी मुसलमान एक मंदिर को तहस-नहस कर रहे हैं. आजतक के फैक्ट चेक में जानें इस दावे की सच्चाई

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो बांग्लादेश का है, जहां मुसलमानों को एक मंदिर में तोड़फोड़ करते हुए देखा जा सकता है.
सच्चाई
ये वीडियो बांग्लादेश के सिराजगंज का है, जहां लोगों ने मुस्लिम संत अली पगला की दरगाह पर हमला किया था.
फैक्ट चेक ब्यूरो
  • कोलकाता,
  • 03 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:38 PM IST

इस्कॉन के पूर्व सदस्य और हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की 30 नवंबर को हुई गिरफ्तारी के बाद से बांग्लादेश में हिन्दू मंदिरों पर हमला होने के अब तक कम-से-कम तीन मामले सामने आ चुके हैं. आलम ये है कि कोई भी वकील चिन्मय के पक्ष में केस लड़ने के लिए आगे नहीं आ रहा है.

इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें लोगों की भारी भीड़ डंडे-लाठी लेकर किसी इमारत में तोड़फोड़ कर रही है. यहां मौजूद कई लोगों ने सिर पर सफेद टोपी पहनी है. वीडियो शेयर करने वालों की मानें तो इसमें बांग्लादेशी मुसलमान एक मंदिर को तहस-नहस कर रहे हैं. ऐसे एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो इसी साल 29 अगस्त का है, जब बांग्लादेश के सिराजगंज में लोगों ने मुस्लिम संत अली पगला की दरगाह में तोड़फोड़ की थी.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च  करने पर हमें ये 30 अगस्त के एक फेसबुक पोस्ट में मिला. यहां बताया गया था कि ये घटना हजरत बाबा अली पगला की दरगाह पर हुई थी.

इसके बाद हमें बांग्लादेशी न्यूज चैनल ‘मेट्रो टीवी’ के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला. 29 अगस्त के इस वीडियो में बताया गया है कि ये घटना बांग्लादेश के सिराजगंज की है.

बांग्ला में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना 29 अगस्त को बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में हुई थी. दरअसल, काजीपुर उपजिले के मंसूरनगर इलाके में मौजूद मुस्लिम संत हजरत बाबा अली पगला की दरगाह को ध्वस्त कर दिया गया था. लोगों ने इमाम गुलाम रब्बानी के आदेशों पर इस पूरी घटना को अंजाम दिया था. खबरों के मुताबिक, इस घटना के बाद रब्बानी को उनके पद से हटा दिया गया था.

Advertisement

बीडीन्यूज 24 की रिपोर्ट के मुताबिक अली पगला एक संत थे, जो खुद 10 साल तक एक मस्जिद के इमाम रहे. 19 सितंबर, 2004 को उनकी मौत होने के बाद अनुयायियों ने उनकी दरगाह बनाई थी. लेकिन, 29 अगस्त, 2024 को इमाम गुलाम रब्बानी ने कुछ लोगों के साथ मिलकर इसे ध्वस्त करा दिया. घटना से नाराज स्थानीय लोग गुलाम रब्बानी के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे, जिसके बाद उन्हें अपने पद से बर्खास्त कर दिया गया था. इस मामले को लेकर पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई थी. साफ है, वायरल वीडियो में लोग बांग्लादेश का एक मंदिर नहीं, बल्कि दरगाह तोड़ रहे थे.

(रिपोर्ट : सुराजुद्दीन मोंडाल)

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement