हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में भड़की हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत और 300 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर आ चुकी है. दरअसल, 8 फरवरी को एक कथित अवैध मदरसा और मस्जिद ढहाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया और बनभूलपुरा थाने में आग लगा दी.
इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें लोगों की भारी भीड़ को पुलिस से जान बचा कर भागते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में कई पुलिस कर्मी बीच सड़क पर मौजूद लोगों पर लाठीचार्ज करते दिखाई दे रहे हैं, जिसमें से कई ने सिर पर सफेद टोपी लगाई हुई है.
इस वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “बीजेपी के द्वारा बनाए नए भारत के हल्द्वानी, उत्तराखंड में मुसलमानो पर लाठियां बरसाते हुए संवैधानिक पुलिसकर्मी.”
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो हल्द्वानी नहीं, बल्कि मुंबई के घाटकोपर इलाके का है, जहां मौलाना मुफ्ती सलमान की गिरफ्तारी के विरोध में उतरे समर्थकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वीडियो में सड़क के किनारे कई वाहन खड़े हैं, जिनमें से एक की नंबर प्लेट पर ‘MH 03’ लिखा हुआ दिखाई दे रहा है. महाराष्ट्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक ‘MH 03’ मुंबई (ईस्ट) का आरटीओ कोड है.
इस जानकारी की मदद से खोजने पर हमें ये वीडियो 6 फरवरी के एक फेसबुक पोस्ट में मिला. हमने इस पोस्ट में लिखे मराठी कैप्शन का गूगल ट्रांसलेटर से अनुवाद किया. इसके मुताबिक, वायरल वीडियो वाली घटना मुंबई के घाटकोपर की है, जहां मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी की गिरफ्तारी के खिलाफ लोगों की भारी भीड़ घाटकोपर पुलिस स्टेशन के सामने इकट्ठा हो गई थी.
ध्यान देने वाली बात है कि हल्द्वानी में 8 फरवरी को हिंसा छिड़ी थी, लेकिन फेसबुक और ट्विटर पर ये वीडियो पहले से मौजूद है, जिसे वहां घाटकोपर का बता कर शेयर किया गया.
इसके बाद हमें घाटकोपर में हुए लाठी-चार्ज से जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. इनके मुताबिक 4 फरवरी को इस्लामिक उपदेशक मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी को गुजरात पुलिस ने जूनागढ़ के एक कार्यक्रम में आपत्तिजनक भाषण देने के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किया था. इस दौरान मौलाना के हजारों समर्थकों ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हुए घाटकोपर पुलिस स्टेशन को घेर लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक भीड़ लगातार नारेबाजी करती रही और कुछ लोगों ने इलाके में एक बस में तोड़फोड़ करने की कोशिश भी की. हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया और भीड़ के खिलाफ मामला भी दर्ज किया. साथ ही, 7 फरवरी को जूनागढ़ कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में मुफ्ती सलमान अजहरी को जमानत दे दी.
थोड़ी और जानकारी लेने के लिये हमने घाटकोपर से आजतक संवाददाता मोहम्मद एजाज खान से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो घाटकोपर पुलिस के डीजल पम्प का है, जहां मुफ्ती सलमान अजहरी के समर्थकों को लाठी चार्ज से बचकर भागते हुए देखा जा सकता है.
एजाज ने इस जगह पर जाकर एक वीडियो भी शूट किया, जिसे नीचे देखा जा सकता है. वीडियो में वही रंग बिरंगी दीवार देखी जा सकती है, जो वायरल वीडियो में मौजूद है.
इस जगह को हमने गूगल मैप्स पर भी खोज निकाला.
हालांकि, इस इलाके का स्ट्रीट व्यू साल 2021 का है, और इसमें दीवार का रंग अलग है. लेकिन, इस सड़क पर पेट्रोल पंप की मशीनें और घाटकोपर पुलिस डीजल पंप का बोर्ड लगा हुआ दिखाई दे रहा है.
हमारे संवाददाता ने हमें इस इलाके की कुछ तस्वीरें भी भेजीं थीं, जिनकी वायरल वीडियो से तुलना करने पर साफ हो जाता है कि ये दोनों एक ही जगह हैं.
साफ है, घाटकोपर में हुए लाठीचार्ज के वीडियो को हल्द्वानी में छिड़ी हिंसा से जोड़कर पेश किया जा रहा है.