खंडवा, मध्य प्रदेश में एक साधु के बाल काटने और उसकी पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. इसे लेकर कई लोग ऐसा कह रहे हैं कि साधु को बेरहमी से पीटने वाला शख्स मुस्लिम है.
इस वीडियो में एक शख्स भगवा कपड़े पहने एक साधु के बाल और दाढ़ी कैंची से काट रहा है. साथ ही, उसे भद्दी गालियां दे रहा है. साधु डर से कांपते हुए कराह रहा है. आसपास कई सारे लोग तमाशबीन बने खड़े हैं.
इस वीडियो को पोस्ट करते हुए हुए लोग मुसलमानों को बुरा-भला कह रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि साधु-संतों पर हमला जेहाद का एक तरीका है.
मिसाल के तौर पर, एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “ये शांतिदूत सुधरने वाले नहीं हैं. कोई ना कोई बहाना ढ़ूंढते है झगड़ा भड़काने का. खंडवा में एक मुस्लिम युवक ने एक अघोरी साधु महाराज की जटाएं और दाढ़ी सरे आम काटी. इस युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है.”
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल वीडियो में साधु की पिटाई कर रहे युवक का नाम प्रवीण गौर है और वो हिंदू धर्म से है. प्रवीण के सगे भाई पंकज गौर और खंडवा पुलिस, दोनों ने ‘आजतक’से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
मध्य प्रदेश के खंडवा में 22 मई को हुई इस घटना को लेकर तकरीबन सभी मीडिया वेबसाइट्स में रिपोर्ट्स छपी थीं. हर जगह साधु को पीटने वाले शख्स का नाम प्रवीण गौर लिखा है. नाम से ही पता लग रहा है कि वो हिंदू है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक खालवा के पटाजन कस्बे में एक साधु भिक्षा मांग रहा था. उसी वक्त पास के रेणुका रेस्टोरेंट के मालिक रामदास गौर का बेटा प्रवीण गौर वहां पहुंच गया. उसने साधु से अपना भविष्य पूछा तो उसने बताया कि प्रवीण की पत्नी कभी वापस उसके पास नहीं आएगी.
यह सुनकर प्रवीण का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वो साधु की जटाएं खींचते हुए उसे एक हेयर ड्रेसिंग सैलून में ले गया. सैलून में मौजूद हेयर ड्रेसर ने साधु के बाल और दाढ़ी काटने से इंकार किया तो प्रवीण ने खुद ही कैंची उठा ली और साधु के बाल काट डाले.
इस घटना के बारे में और जानकारी पाने के लिए हमने खालवा थाना प्रभारी परसराम डाबर से बात की. उन्होंने हमें बताया कि साधु की पिटाई करने वाले व्यक्ति के मुस्लिम समुदाय से होने की बात सिर्फ एक अफवाह है. उसका नाम प्रवीण गौर है और वो हिंदू है. वर्तमान में वो जेल में है.
हमने प्रवीण के भाई पंकज गौड़ से भी संपर्क किया. उन्होंने भी हमें यही बताया कि उनका परिवार हिंदू है.
साफ है कि साधु और उसके बाल काटने वाले शख्स- दोनों ही हिंदू धर्म से हैं. इस मामले को बेवजह सांप्रदायिक रंग देकर पेश किया जा रहा है ताकि इसके जरिये मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाई जा सके.
( इनपुट: आदर्श सिंह )