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फैक्ट चेक: चाबुक से जौहर दिखाती इस महिला का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें बुरका पहने एक महिला लोहे का चाबुक चलाती नजर आ रही है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
जिहाद की ट्रेनिंग करती मुस्लिम महिला
सच्चाई
वायरल वीडियो मार्शल आर्ट स्पोर्ट्स एकेडमी का है
अमनप्रीत कौर
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:31 PM IST

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें बुरका पहने एक महिला लोहे का चाबुक चलाती नजर आ रही है. वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि देश की मुसलमान बस्तियों में जिहाद की जोरदार तैयारी चल रही है, NRC पर हिंसा का अगला दौर रक्तरंजित होगा.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो चेन्नई की एक स्पोर्ट्स एकेडमी का है, जहां स्टूडेंट्स को सेल्फ डिफेंस व मार्शल आर्ट्स सिखाए जाते हैं.

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पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक यूजर "Arun Hindu " ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा: "देश के मुसलमान बस्तियों में जिहाद की जोरदार तैयारी चल रही है, और सोशल मीडिया पर विक्टिम बने हुए हैं. *NRC* पर हिंसा का अगला दौर रक्तरंजित होगा, इनकी तैयारियां देख कर ऐसा लग रहा है। *CAA* *NRC* *NPR*"

यह वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर काफी वायरल है.

वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे का सच जानने के लिए हमने वीडियो को कीफ्रेम्स में काटा और इसे रिवर्स सर्च किया. हमें यूट्यूब पर इस वीडियो का लंबा वर्जन मिल गया. वीडियो के शुरुआत में एक व्यक्ति कहता है: "मेरा नाम सईद हमीद है और यह मेरी बेटी मोहसीना है. यह सुरुल वाल यानी कि बिजली का प्रदर्शन करेगी. इसकी लंबाई करीब 10 फीट है." महिला के हाथ में जो शस्त्र है उसे सुरुल वाल या फिर बिजली कहा जाता है.

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"Silambam Syed " नामक यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को 13 अक्टूबर 2018 को अपलोड किया गया था. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में हमें एक मोबाइल नंबर मिला. इस नंबर पर फोन करने पर हमारी बात सईद हमीद से हुई. उन्होंने बताया कि यह वीडियो उन्होंने चेन्नई के विलिवक्कम में मौजूद अपनी मार्शल आर्ट स्पोर्ट्स एकेडमी "मोहम्मद अली सिलमबकूडम" में बनाया था.

सईद ने बताया, "हम इस एकेडमी में हर धर्म के छात्रों को साउथ इंडियन मार्शल आर्ट सिलमबम की ट्रेनिंग देते हैं. हमारे यहां करीब 1500 छात्र हैं जिनमें शादीशुदा महिलाएं भी शामिल हैं. वे यहां सेल्फ डिफेंस सीखने आती हैं. हमारी एक ब्रांच तमिलनाडु में, एक ऑस्ट्रेलिया में और दो ब्रांच मलेशिया में हैं. यह एकेडमी हमारा परिवार 1960 से चला रहा है और यह हमारी सातवीं पीढ़ी है."

वीडियो में 1 मिनट 31 सेकंड पर एक बोर्ड भी नजर आता है जिस पर "मोहम्मद अली सिलमबकूडम" लिखा हुआ है.

इस यूट्यूब चैनल पर अधिकतम वीडियो इसी तरह स्टूडेंट्स के मार्शल आर्ट प्रदर्शन के ही हैं.

पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल वीडियो का जिहाद की ट्रेनिंग से कोई लेना देना नहीं है, यह वीडियो मार्शल आर्ट स्पोर्ट्स एकेडमी का है.

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