श्रीलंकाई संसद में 20 मई 2021 को चीन समर्थित कोलंबो पोर्ट सिटी को लेकर एक विवादास्पद बिल पास हुआ था. चर्चा के बाद 225 सदस्यों वाली संसद में यह बिल 59 के मुकाबले 148 मतों से पारित हो गया. ये एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो में कोलंबो में बनाया जाएगा.
बिल के पास होने के बाद सोशल मीडिया पर श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट सिटी के पासपोर्ट की एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस पर लिखा हुआ है, "कोलंबो पोर्ट सिटी, स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन, पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना". तस्वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि कोलंबो पोर्ट सिटी को नियंत्रण में लेने के बाद चीन ने यहां के लिए अपना खुद का पासपोर्ट पेश किया है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है. असल में पासपोर्ट पर 'COLOMBO PORT CITY' नहीं बल्कि 'HONG KONG' लिखा हुआ है.
एक ट्विटर यूजर ने कैप्शन में लिखा, "पोर्ट सिटी कोलंबो पर चीन ने कब्जा कर, पेश किया अपना पासपोर्ट!".
फेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर काफी वायरल है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
क्या है सच्चाई?
गूगल लेंस की मदद से हमें वायरल तस्वीर पर चीनी भाषा में लिखे विवरण का ट्रांसलेशन मिला. इस ट्रांसलेशन के मुताबिक, तस्वीर पर लिखा है, "चीन जनवादी गणराज्य", "हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र".
फिर रिवर्स सर्च की मदद से खोजने पर हमें पासपोर्ट की मूल तस्वीर 'Wikipedia' की वेबसाइट पर मिली. असली तस्वीर में देखा जा सकता है कि पासपोर्ट पर 'HONG KONG' लिखा हुआ है.
श्रीलंका सरकार की आप्रवासन ब्यूरो की ऑफिशियल वेबसाइट खंगालने पर हमें श्रीलंका के पासपोर्ट की असली फोटो मिली, जो दिखने में पासपोर्ट की वायरल तस्वीर से अलग है.
हमें श्रीलंका की चाइनीज़ एम्बेसी के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट भी मिला, जिसमें पासपोर्ट की वायरल तस्वीर का खंडन करते हुए उन्होंने भी 'कोलम्बो सिटी पासपोर्ट' को फर्जी बताया है.
क्या है कोलंबो पोर्ट सिटी प्रोजेक्ट?
कोलंबो पोर्ट सिटी प्रोजेक्ट 1.4 बिलियन डॉलर की एक विकास परियोजना है जिसके तहत कोलंबो बंदरगाह से लगा हुआ एक शहर विकसित किया जाना है. श्रीलंका में यह निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी विकास परियोजना है. श्रीलंका में पोर्ट सिटी बिल 20 मई को श्रीलंकाई संसद में पास हुआ था. इसके तुरंत बाद इस परियायेजना के कंस्ट्रक्शन का ठेका चीन को दे दिया गया है. श्रीलंका सरकार ने चीन को 99 वर्ष की लीज पर जमीन सौंपी है, जो 62 हेक्टेयर में फैली हुई है.
पासपोर्ट की वायरल तस्वीर को फैक्ट क्रेसेंडो नाम की फैक्ट चेक वेबसाइट ने भी फेक बताते हुए कहा है कि कोलंबो सिटी पासपोर्ट की तस्वीर फर्जी है.
पड़ताल से ये साफ हो जाता है कि सोशल मीडिया पर वायरल पासपोर्ट की वायरल तस्वीर फर्जी है. असली तस्वीर को एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से बदलकर गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है. (सोनाली खट्टा और श्रेय बनर्जी के इनपुट के साथ)