देश के पांच राज्यों में चुनावी सरगर्मियों के बीच सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में राहुल अखबार पढ़ते नजर आ रहे हैं. अखबार के पहले और आखिरी पन्ने पर किसी दक्षिण भारतीय भाषा में कुछ लिखा हुआ है. इस फोटो को शेयर करते हुए लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी कन्नड़ भाषा का अखबार पढ़ने का दिखावा कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं.
इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए एक फेसबुक यूजर ने कैप्शन में लिखा है, "हिंदी आती नहीं कन्नड़ भाषा का अखबार पढ़ रहा है".
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल तस्वीर में राहुल गांधी जिस अखबार को पढ़ रहे हैं वो अंग्रेजी अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ है. इस फोटो में पहले और आखिरी पन्ने पर कन्नड़ भाषा में सिर्फ विज्ञापन छपा है. ये तस्वीर 2017 की है.
इसी दावे के साथ राहुल गांधी की यह तस्वीर फेसबुक पर काफी शेयर की जा रही है.
क्या है सच्चाई
वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें न्यूज़ एजेंसी एएनआई का 12 जून 2017 का एक ट्वीट मिला. ट्वीट का कैप्शन अंग्रेजी में था जिसका हिंदी अनुवाद है, "कर्नाटक के बेंगलुरु में नेशनल हेराल्ड के विशेषांक के लोकार्पण के मौके पर राहुल गांधी".
ANI के इस ट्वीट में दो तस्वीरें देखी जा सकती हैं. पहली, जो वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती है. दूसरी तस्वीर में राहुल गांधी के साथ पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी खड़े नजर आ रहें हैं. दोनों के हाथों में नेशनल हेराल्ड अखबार देखा जा सकता है. इस अखबार में भी वही विज्ञापन दिख रहा है जो वायरल तस्वीर में मौजूद है.
कुछ कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें One India की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें राहुल गांधी की अखबार पढ़ते हुए वही फोटो इस्तमाल की गई है जो वायरल हो रही है. तस्वीर का कैप्शन अंग्रेजी में है, जिसका हिंदी अनुवाद है, "बेंगलुरु में नेशनल हेराल्ड के विशेषांक की लॉन्चिंग के दौरान राहुल गांधी अखबार के पन्नों को पलटते हुए".
हमें कुछ और मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि वायरल तस्वीर 12 जून 2017 को बेंगलुरु के अंबेडकर भवन में आयोजित हुए नेशनल हेराल्ड के विशेषांक की लॉन्चिंग के दौरान की है. पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे.
नेशनल हेराल्ड की वेबसाइट के 'हमारे बारे में' सेक्शन से हमें पता चला कि नेशनल हेराल्ड अखबार कन्नड़ भाषा में प्रकाशित नहीं होता है. यह अखबार सिर्फ 3 भाषाओं में छपता है, इंग्लिश (नेशनल हेराल्ड), हिंदी (नव जीवन) और उर्दू (कौमी आवाज).
राहुल गांधी की यही तस्वीर साल 2017 में भी इसी दावे के साथ वायरल हुई थी. उस समय smhoaxslayer वेबसाइट ने इसकी सच्चाई बताई थी. इस न्यूज़ रिपोर्ट में एक वीडियो के जरिए साफ देखा जा सकता है कि अखबार के पहले और आखिरी पन्ने पर कन्नड़ भाषा में विज्ञापन छपा हुआ है, बाकी पूरा अखबार अंग्रेजी भाषा में है.
पड़ताल से साफ है कि राहुल गांधी के कथित तौर पर कन्नड़ अखबार पढ़ने का दावा भ्रामक है. कन्नड़ भाषा में सिर्फ विज्ञापन छपा था. बाकी पूरा अखबार अंग्रेजी में था. (सौरभ भटनागर के इनपुट के साथ)