केंद्र सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में कई किसानों ने अपनी जान गंवाई है. इनमें से ज्यादातर किसानों की मौत किसी दुर्घटना या प्राकृतिक कारणों से हुई. हालांकि, कुछ किसानों ने आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाते हुए आत्महत्या भी की.
इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि एक आदमी सड़क पर गिरता है और आसपास के कुछ लोग उसे बचाने दौड़ते हैं. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो एक किसान का है, जो विरोध-प्रदर्शन के दौरान सिंघु बॉर्डर पर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई.
वीडियो के साथ हिंदी में लिखा है, “लाइव देखिए कैमरे के सामने किसान ने सिंधु बॉर्डर पर दम तोड़ा. बाकी जिनको पिज़्ज़ा बिरयानी, जीन्स, बीएमडब्लू से लैस किसान आतंकवादी लगते हैं वो भी देख ले.”
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. वीडियो में दिख रहे शख्स को 3 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन अब उसकी हालत स्थिर है.
ये वीडियो कुछ वेरीफाइड ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया गया है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
AFWA की पड़ताल
हमने पाया कि गगनदीप सिंह नाम के पंजाब के एक पत्रकार ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें एक शख्स जो खुद की पहचान ऑर्थोपेडिस्ट लवप्रीत सिंह पाबला बता रहा है, इस घटना का ब्योरा दे रहा है. पाबला को ये कहते सुना जा सकता है कि जमीन पर गिरते हुए जिस आदमी का वीडियो वायरल हो रहा है, उसके बारे में दावा किया जा रहा है कि उसकी मौत हो गई लेकिन उसकी मौत नहीं हुई है.
हमें इंटरनेट पर डॉक्टर पाबला का फोन नंबर मिला जिसके जरिये हमने उनसे संपर्क किया. डॉ पाबला ने कहा कि जमीन पर गिरते हुए जिस किसान का वीडियो वायरल है, वह उनके सामने ही गिरा था. ये घटना सिंघु बॉर्डर पर 3 जनवरी की है. पाबला ने बताया कि उस किसान की मौत नहीं हुई है. पाबला पंजाब के होशियारपुर जिले में वेव्स हॉस्पिटल में आर्थोपेडिस्ट हैं.
पाबला ने कहा, “हमारी टीम हर वीकेंड पर किसानों की मदद के लिए दिल्ली की सीमाओं का दौरा करती है. टीम ने उस बुजुर्ग की जांच की थी और पाया कि उसका ब्लड प्रेशर लो है.”
डॉक्टर्स की टीम ने उसका इलाज किया जिसके बाद उसे होश आया और बाकी का इलाज कराने के लिए वह अमृतसर लौट गया. डॉ पाबला ने AFWA को बताया कि उस आदमी का नाम इकबाल सिंह है और वह प्रदर्शन में भाग लेने के लिए अमृतसर से अपने रिश्तेदारों के साथ सिंघु बॉर्डर आया था.
डॉ. पाबला ने फेसबुक पर इस अफवाह को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया.
डॉ पाबला की मदद से AFWA ने इकबाल सिंह के भाई जसबीर सिंह और भतीजे अमनबीर सियाली से संपर्क किया. वे दोनों अमृतसर के अस्पताल में इकबाल सिंह के साथ थे. उन्होंने हमें बताया कि इकबाल सिंह को दिल का दौरा पड़ा था, उनकी हालत गंभीर थी, लेकिन अब स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं. इकबाल सिंह अमृतसर के रंधावा अस्पताल में भर्ती हैं.
जसबीर सिंह के अनुसार, 74 वर्षीय इकबाल सिंह उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग में सब-डिवीजनल ऑफिसर (एसडीओ) के पद से रिटायर हैं. कुछ कानूनी वजहों से उन्हें पेंशन नहीं मिलती, जिस वजह से वे तनाव में रहते हैं और उन्हें कुछ मेडिकल प्रॉब्लम रहती हैं.
अमनबीर ने बताया कि कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए इकबाल सिंह उन्हीं के साथ सिंघु बॉर्डर गए थे, क्योंकि वे भी किसान हैं. इसके अलावा, पत्रकार गगनदीप सिंह ने भी इकबाल सिंह की एक तस्वीर ट्वीट की जो सिंघु बॉर्डर पर उनके होश में आने के बाद की है.
पड़ताल से साफ है कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. वीडियो में जो व्यक्ति गिरते हुए दिख रहा है, उसकी मौत नहीं हुई है और वह अस्पताल में भर्ती है.