पीएम नरेंद्र मोदी का राज्यसभा में दिया गया 'आंदोलनजीवी' वाला बयान काफी चर्चा में है. 8 फरवरी को मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा था कि देश में 'आंदोलनजीवी' नाम की एक नई जमात पैदा हो गई है जो अलग-अलग आंदोलन में पहुंच जाती है और इसके बिना जी नहीं सकती है. प्रधानमंत्री के इस बयान पर लोगों ने खूब मजे लिए, वहीं कुछ ने इसकी आलोचना भी की. लेकिन क्या अब मोदी के इस बयान के खिलाफ उनकी ही सरकार के मंत्री नितिन गडकरी खड़े हो गए हैं?
सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो के जरिये कुछ ऐसा ही दावा किया जा रहा है. दो मिनट के इस वीडियो में नितिन गडकरी को मीडिया से बात करते हुए देखा जा सकता है और उनके साथ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद हैं.
वीडियो में नितिन गडकरी का कहना है कि प्रधानमंत्री जो बोल रहे हैं वो लोकतंत्र के खिलाफ है और भ्रष्ट नेता/सरकार के खिलाफ आंदोलन करना संवैधानिक अधिकार है. गडकरी कह रहे हैं कि आंदोलन करने का अधिकार प्रधानमंत्री ने देश को नहीं दिया बल्कि संविधान ने दिया है. इसी तरह वीडियो में गडकरी आंदोलन करने वालों का समर्थन करते और प्रधानमंत्री पर लगातार निशाना साधते हुए सुने जा सकते हैं. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी के 'आंदोलनजीवी' वाले बयान का नितिन गडकरी ने भी विरोध किया है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये वीडियो अगस्त 2011 का है जब नितिन गडकरी ने आंदोलन को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा था.
इस वीडियो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं, "कल प्रधानमंत्री मोदी जी ने सदन में आन्दोलनजीवी जैसा कुछ कहा और आज नितिन गडकरी जी उनके विरुद्ध प्रेस के सामने ये कह रहे हैं। साथ में मंत्री रविशंकर प्रसाद जी भी हैं। इन्हें भी नागवार गुजरा है।"
ये वीडियो गलत दावे के साथ फेसबुक पर हजारों लोग शेयर कर चुके हैं. ट्विटर पर कुछ वेरिफाइड हैंडल से भी इस भ्रामक पोस्ट को शेयर किया गया है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
क्या है सच्चाई?
वीडियो पर कमेंट करते हुए कुछ लोगों ने लिखा है ये वीडियो 2011 का है. कुछ संबंधित कीवर्ड्स की मदद से हमने वीडियो खोजने की कोशिश की. हमें पता चला कि इस वीडियो के लंबे वर्जन को बीजेपी के यूट्यूब चैनल पर 16 अगस्त 2011 को अपलोड किया गया था. नितिन गडकरी उस समय बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और वीडियो में सुनाई दे रही बातें गडकरी ने मनमोहन सिंह के लिए बोली थीं. इस दौरान देश में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन भी चल रहा था. इसी आंदोलन का समर्थन करते हुए गडकरी ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर हमला बोला था और कहा था कि प्रधानमंत्री किस आधार पर शांतिपूर्ण आंदोलन का विरोध कर रहे हैं.
यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वायरल पोस्ट में किया गया दावा गलत है. ये वीडियो लगभग दस साल पुराना है और इसका पीएम मोदी के 'आंदोलनजीवी' वाले बयान से कोई लेना देना नहीं है. साथ ही, नितिन गडकरी पीएम मोदी को लेकर अगर ऐसा बयान देते तो वह बहुत बड़ी खबर बनती और मीडिया में इसे प्रमुखता से कवर करता.