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फैक्ट चेक: चुनावी हिंसा का वायरल वीडियो मौजूदा लोकसभा चुनावों का नहीं है

हाल में ईवीएम मशीन को तोड़ते और फिर जलाते दिखाए जाने वाले वायरल वीडियो का लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यह प्रथम चरण के मतदान के दौरान EVM की किसी भी बटन दबाने पर बीजेपी को ही वोट दिए जाने के चलते लोगों के EVM में तोड़फोड़ का है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम ने किया इस वीडियो और इस दावे का फैक्ट चेक.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
पहले दौर के चुनावों के दौरान लोगों ने ईवीएम तोड़ दिये क्योंकि किसी भी बटन को दबाने पर वोट बीजेपी को पड़ रहे थे.
सच्चाई
ये दावा गलत और भ्रामक है. ये वीडियो इस लोकसभा चुनावों का नहीं है और ये तस्वीर कश्मीर में उपचुनाव की हैं और दो साल पुरानी है.
राहुल झारिया/चयन कुंडू
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 3:42 PM IST

11 अप्रैल को पहले दौर की वोटिंग के तुरंत बाद एक वीडियो वायरल हो गया. इसमें ईवीएम मशीन को तोड़ते और फिर जलाते दिखाया जा रहा है. फेसबुक यूजर इमरान चीकू ने उसी दिन ये वीडियो पोस्ट किया और लिखा- आज भारत में प्रथम चरण का मतदान हो रहा है, मतदान कर्मियों का कहना है कि EVM का कोई भी बटन दबाओ बीजेपी को ही वोट जा रहा था. लोगों ने आक्रोशित होकर EVM में तोड़फोड़ कर दी.

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी जांच में पाया कि ये दावा भ्रामक है. ये वीडियो लोकसभा 2019 का नहीं बल्कि 2017 में कश्मीर में हुए उपचुनावों का है. खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को 16 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जनआप यहां देख सकते हैं.

इस पोस्ट में सैकड़ों लोगों ने कमेंट किया है. इसमें से ज्यादातर लोग मानते हैं कि ये तस्वीरें सही हैं जबकि कुछ लोगों ने इस वीडियो की विश्वसनीयता पर सवाल भी उठाए हैं. हमने इस वायरल वीडियो के फ्रेमस को इनवीड वैरीफिकेशन टूल के जरिए परखा.

फिर जब हमने इस वीडियो की यानडेक्स रिवर्स सर्च के जरिए जांच की तो हमें कई लिंक मिले जहां मीडिया ने इस घटना को रिपोर्ट किया था.

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एनडीटीवी और इंडिया टुडे ने इस घटना को कवर किया था और यही क्लिप 12 अप्रैल, 2017 में भी दिखाई थी.

दरअसल ये तस्वीरें श्रीनगर के बडगाम की हैं, जहां 2017 में लोकसभा के उपचुनाव के दौरान हिंसा हुई थी, जिसके बाद बाद यहां पुर्नमतदान भी कराया गया था. अलगाववादियों के कहने पर चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई थी और खबरों के मुताबिक नाराज भीड़ ने 33 ईवीएम तोड़ दी थीं. हालांकि कुछ रिपोर्टस के मुताबिक इस बार भी पहले दौर के चुनावों के दौरान आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कुछ जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी हुई थी, लेकिन इस वीडियो से इसका कोई लेना-देना नहीं है. ये साबित हो गया कि वायरल वीडियो पूरी तरह से गलत है और ये तस्वीरें दो साल पुरानी हैं.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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