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फैक्ट चेक: क्या कर्नाटक के स्कूल में हिंदू प्रिंसिपल को कुर्सी पर नहीं बैठने दिया गया? इस वीडियो की हकीकत कुछ और ही है 

सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक के एक सरकारी स्कूल में एक हिंदू प्रिंसिपल की नियुक्ति हुई, लेकिन वहां के ईसाई स्टाफ ने उस महिला को प्रिंसिपल की कुर्सी पर बैठने नहीं दिया. और उसकी जगह एक ईसाई महिला को कुर्सी पर बैठा दिया गया. यह दावा गलत है. जानें सच्चाई...

आजतक फैक्ट चेक

दावा
कर्नाटक के एक सरकारी स्कूल में एक हिंदू प्रिंसिपल की नियुक्ति हुई, लेकिन वहां के ईसाई स्टाफ ने उस महिला को प्रिंसिपल की कुर्सी पर बैठने नहीं दिया. और उसकी जगह एक ईसाई महिला को कुर्सी पर बैठा दिया गया.
सच्चाई
ये कर्नाटक का नहीं बल्कि यूपी के प्रयागराज के एक क्रिश्चियन स्कूल का हाल ही का वीडियो है. जिस प्रिसिंपल को इस स्कूल से हटाया गया था वो ईसाई है, न कि हिंदू.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST

इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि कर्नाटक के एक सरकारी स्कूल में एक महिला हिंदू प्रिंसिपल की नियुक्ति हुई, लेकिन वहां के ईसाई स्टाफ ने उस महिला को प्रिंसिपल की कुर्सी पर बैठने नहीं दिया. और उसकी जगह एक ईसाई महिला को कुर्सी पर बैठा दिया.  

वीडियो किसी चैंबर का लग रहा है, जहां एक महिला को आसपास खड़े कुछ लोग जबरन कुर्सी से उठाते हुए दिख रहे हैं. इसके बाद ये लोग एक अन्य महिला को उस कुर्सी पर बैठाकर तालियां बजाने लगते हैं. वहीं पहले वाली महिला सवाल-जवाब करती दिखती है कि उसके साथ ये क्या हो रहा है.

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मामले को सांप्रदायिक रंग देकर एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि एक दिन सभी हिंदू खत्म हो जाएंगे. लोग कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए लिख रहे हैं कि क्रिश्चियन स्कूलों को बंद कर देना चाहिए.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये कर्नाटक का नहीं बल्कि यूपी के प्रयागराज के एक क्रिश्चियन स्कूल का हालिया वीडियो है. जिस प्रिसिंपल को इस स्कूल से हटाया गया था वो ईसाई है, न कि हिंदू.

“न्यूज 18” की 5 जुलाई, 2024 की एक खबर में बताया गया है कि ये मामला प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल का है. खबर के मुताबिक, जब ये घटना हुई, तब ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया था. वीडियो में तत्कालीन प्रिसिंपल को उनकी कुर्सी से वहां का स्टाफ जबरन हटाते हुए दिखा था जिसे लेकर स्कूल वालों की आलोचना भी हुई थी.

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इंडिया टुडे ने मामले को विस्तार से रिपोर्ट किया था. मिली जानकारी के अनुसार, पारुल सोलोमन नाम की इस महिला का एक पेपर लीक मामले में नाम आने के बाद स्कूल से बर्खास्त कर दिया गया था. ये पेपर यूपीपीएससी का आरओ-एआरओ का था.  उन पर स्कूल के 2.4 करोड़ रुपए गबन करने का आरोप भी लगा था.  

उनकी बर्खास्तगी के बाद स्कूल में नई प्रिसिंपल की नियुक्ति भी हो गई थी. लेकिन पारुल अपनी कुर्सी से हट नहीं रही थीं. उन्होंने प्रिसिंपल का कमरा अंदर से बंद कर लिया था. इसी के चलते उनके चैंबर में बवाल हो गया जैसा कि वीडियो में दिखता है. उन्हें जबरन हटाने के बाद नई प्रिसिंपल शर्ली मैसी को कुर्सी पर बैठा दिया गया था.

मामले में पारुल ने स्कूल के कुछ स्टाफ मेंबर्स के खिलाफ केस दर्ज कराया है. इस घटना को दैनिक भास्कर ने भी रिपोर्ट किया है. इस बारे में हमारी बात डॉयोसिस ऑफ लखनऊ (बिशपक्षेत्र) मॉरिस एडगर दान से भी हुई जिनकी देखरेख में ये स्कूल संचालित होता है. मॉरिस एडगर वायरल वीडियो में भी हैं. उन्होंने हमें बताया कि पारुल सोलोमन ईसाई धर्म से ही हैं. वो पूर्व बिशप पीटर बलदेव की बेटी हैं. खबरों में बताया गया है कि पीटर बलदेव को भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोपों में बिशप पद से बर्खास्त कर दिया गया था.

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