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फैक्ट चेक: महिलाओं पर अत्याचार दिखाती इन तस्वीरों का असम हिंसा से नहीं है कोई लेना-देना

नागरिकता कानून के विरोध को लेकर सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं. पहली तस्वीर में एक पुलिसकर्मी को सड़क पर गिरी एक महिला के साथ हाथापाई करते हुए देखा जा सकता है, वहीं दूसरी तस्वीर में एक घायल महिला पुलिस वालों के साथ खड़ी नजर आ रही है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
असम में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं पर पुरुष पुलिसकर्मी अत्याचार कर रहे हैं.
सच्चाई
दोनों तस्वीरें उत्तर प्रदेश की हैं और इनका असम में चल रहे विरोध प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं है.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम सहित पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शन में पुलिस फायरिंग में 2 लोगों के मारे जाने की भी खबर है.

इसी विरोध को लेकर सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं. पहली तस्वीर में एक पुलिसकर्मी को सड़क पर गिरी एक महिला के साथ हाथापाई करते हुए देखा जा सकता है, वहीं दूसरी तस्वीर में एक घायल महिला पुलिस वालों के साथ खड़ी नजर आ रही है. तस्वीरों के साथ दावा किया गया है कि असम में नागरिकता बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर पुरुष पुलिसकर्मी अत्याचार कर रहे हैं.

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इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. दोनों तस्वीरें उत्तर प्रदेश की हैं और इनका असम में चल रहे विरोध प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं.

Brnjy Swray  नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस भ्रामक पोस्ट को शेयर किया है. इन तस्वीरों को भ्रामक दावे के साथ ट्विटर पर भी खूब शेयर किया जा रहा है.

पहली तस्वीर

इस तस्वीर में एक पुलिसकर्मी सड़क पर गिरी एक महिला के साथ हाथापाई करते नजर आ रहा है. वायरल पोस्ट में इस पुलिसकर्मी को पुरुष बताया गया है जो कि सरासर झूठ है. तस्वीर हाल ही में उन्नाव रेप केस को लेकर लखनऊ में हुए प्रदर्शन की है और पुलिसकर्मी एक महिला इंस्पेक्टर है.

दरअसल कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक गैंग रेप पीड़िता को कथित तौर पर जला दिया गया था जिससे उसकी मौत हो गई थी. इसी घटना को लेकर 7 दिसंबर को लखनऊ में विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन में पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भिड़ंत देखने को भी मिली थी. यह तस्वीर भी इसी समय की है.

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उस समय भी कई लोगों ने पुलिसकर्मी को पुरुष समझ लिया था. पुलिसकर्मी और महिला की इस हाथापाई का जब वीडियो सामने आया तो यह बात साफ हो गई कि पुलिसकर्मी एक महिला ही थी.

दूसरी तस्वीर

इस तस्वीर में दो पुलिसकर्मियों के साथ एक महिला खड़ी दिख रही है जिसके सिर से खून बह रहा है. साथ में एक छोटी बच्ची को भी देखा जा सकता है. यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की है और तकरीबन 3 साल पुरानी है‌.

खबरों के मुताबिक तस्वीर में दिख रही महिला और उसके पति को छेड़छाड़ का विरोध करने पर कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा था. इस मारपीट में महिला के सर पर किसी ने डंडे से भी वार किया था. उस समय घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था.

ये तस्वीरें भले ही असम में चल रहे विरोध प्रदर्शन से नहीं जुड़ी है, लेकिन राज्य के हालत भी कुछ ठीक नहीं हैं. खबरों के मुताबिक गुवाहाटी में पुलिस फायरिंग में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं.

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